‘ATP’ के नाम पर करोड़ों की उगाही ! कौन चला रहा था लुधियाना निगम में वसूली का गुप्त नेटवर्क ?

नगर निगम लुधियाना में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें निगम की सहायक टाउन प्लानर (ATP) हरप्रीत कौर पर फर्जी नोटिस भेजकर अवैध वसूली करने और कथित रूप से एक विधायक तक पैसे पहुंचाने के आरोप लगे हैं। विजिलेंस विभाग की जांच में यह मामला सामने आया है कि हरप्रीत कौर ने दर्जनों इमारतों से उगाही की और यह पूरा नेटवर्क सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था।
ढाई लाख की मांग, मौके पर बढ़ा दिया गया रेट
सूत्रों के मुताबिक, एक इमारत मालिक जब अपनी फाइल को मंजूर करवाने के लिए ढाई लाख रुपये देने पहुंचा, तो उसे बताया गया कि “काम की कीमत” अब पांच लाख रुपये हो चुकी है। हालांकि, बाद में उसे तीन लाख में मामला “सेट” करने की बात कही गई। मौके पर ही उससे 50 हजार रुपये और मंगवाए गए और कुल मिलाकर तीन लाख रुपये की वसूली की गई।
हरप्रीत कौर ने विजिलेंस पूछताछ में स्वीकार की दर्जनों इमारतों से वसूली
विजिलेंस विभाग की पूछताछ में हरप्रीत कौर ने कथित रूप से यह स्वीकार किया है कि उसने दर्जन भर से अधिक इमारत मालिकों से वसूली की है। ये सभी पैसे कथित तौर पर सीधे विधायक रमन अरोड़ा तक पहुंचाए जाते थे। हालांकि इस विषय पर विजिलेंस की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन जांच में यह संकेत मिल रहे हैं कि पूरा नेटवर्क सुनियोजित और संगठित ढंग से काम कर रहा था।
फर्जी नोटिस के जरिए डराने का आरोप, चार और शिकायतें दर्ज
जांच के दौरान सामने आया कि जिन इमारतों को हरप्रीत कौर ने नोटिस भेजे, अब यह जांच का विषय है कि वे नोटिस वैध थे या फर्जी। अब तक विजिलेंस को चार अन्य बिल्डिंग मालिकों की ओर से भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि हरप्रीत कौर ने उन्हें भी फर्जी नोटिस भेजकर वसूली की।
विधायक का नाम फिर से चर्चा में, संरक्षण का आरोप
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, हरप्रीत कौर का मुख्य काम लोगों को डराकर वसूली करना था, लेकिन उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था। आरोप हैं कि यह संरक्षण लुधियाना के एक विधायक — रमन अरोड़ा — की ओर से दिया गया था। ये आरोप अभी जांच के दायरे में हैं और विजिलेंस इन सभी पहलुओं पर बारीकी से काम कर रही है।
नगर निगम के अन्य अधिकारी भी जांच के घेरे में
जांच में यह भी सामने आया है कि हरप्रीत कौर अकेले नहीं थी। उसके साथ काम करने वाले और कुछ निगम अधिकारी भी इस वसूली रैकेट में शामिल हो सकते हैं। विजिलेंस अब अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। जांच में दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है।
जांच में सामने आई नई परतें
हरप्रीत कौर खुद ही नहीं, बल्कि अपने सहयोगियों के जरिए भी दबाव बनवाने और वसूली करवाने का काम करती थी। अब विजिलेंस उसकी पूरी टीम और संपर्कों की जांच कर रही है। जल्द ही इन सभी से पूछताछ की जाएगी ताकि पूरे नेटवर्क की सच्चाई सामने आ सके।
इस मामले ने लुधियाना नगर निगम में भ्रष्टाचार की जड़ें उजागर कर दी हैं। यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो यह प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर गंभीर मामला बन सकता है। विजिलेंस जांच जारी है और सभी संबंधित पक्षों की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है।