Loksabha Elections 2024: कौन बनेगा घोसी का सरताज, अरविंद राजभर या राजीव राय ?..आइए करते हैं विश्लेषण

घोसी लोकसभा सीट भूमिहारों की सीट कही जाती रही है, क्योंकि यहां से अब तक सबसे ज्यादा बार भूमिहार प्रत्याशी हो जीत दर्ज कर सके हैं, भाजपा यहां केवल एक बार ही जीत पाई है

Ghosi Loksabha: सभी पार्टियों के टिकट का बंटवारा हो चुका है। सभी ने अपने उम्मीदवार भी उतार दिए हैं। ऐसे में NDA ने अपने सहयोगी दलों को भी टिकट दे दिया है। NDA ने अपने सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) को घोसी सीट दी है। सुभासपा ने यहां से ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को टिकट दिया है तो सपा  ने यहां से राजीव राय को टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया है।

NDA से चुनाव लड़ रहे हैं अरविंद

NDA के सहयोग से सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वर्तमान योगी सरकार में मंत्री बने ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर योगी 1.0 सरकार में दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री थे। उसके बाद उन्होंने वाराणसी सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। अब अरविंद NDA के सहयोग से घोसी सीट से ताल ठोक रहे हैं।

सपा ने राजीव राय को दिया है टिकट 

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राजीव राय एक बेहद ही कर्मठ और समर्पित कार्यकर्ता हैं। ऐसा माना जाता है की 2012 में सपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के पीछे राजीव राय का अहम योगदान था। वह सपा थिंक टैंक के अहम किरदार माने जाते हैं।

जानिए घोसी का जातीय समीकरण 

घोसी लोकसभा सीट का इतिहास बड़ा रोचक है। घोसी को कम्युनिस्टों का गढ़ कहा जाता है। यहां सबसे ज्यादा बार भूमिहार प्रत्याशीयों ने जीत दर्ज की है। यहां पर सर्वाधिक 13 बार भूमिहार, 2 बार चौहान, 2 बार राजभर और एक बार राजपूत जाति के सांसद चुने गए हैं।

यहां के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां पर कुल 20 लाख 55 हजार के करीब वोटर हैं। दलित जातियों की संख्या यहां सबसे ज्यादा है। इनमें 4 लाख 30 हजार दलित, 3 लाख 45 हजार मुसलमान, 1 लाख 73 हजार राजभर, 1 लाख 82 हजार चौहान (लोनिया), 1 लाख 62 हजार यादव जबकि 1 लाख 15 हजार के करीब राजपूत, 42 हजार कुर्मी, 27 हजार खरवार, 23 हजार गोंड, 7 हजार 800 कायस्थ, 3 हजार 400 सिंधी, 1 लाख 65 हजार भूमिहार, 86 हजार बनिया, 80 हजार ब्राम्हण, 45 हजार मल्लाह वोटर हैं।

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