Loksabha Elections 2024: इस जिले के गांव में लगा रोड नहीं तो वोट नहीं का पोस्टर..चुनाव बहिष्कार की दी धमकी

लोकसभा चुनावों में अजब गजब के नजारे देखे जा रहे हैं। कहीं पत्रकारों को खदेड़ा जा रहा है तो कहीं जनप्रतिनिधियों को। कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला है सिद्धार्थनगर जिले के एक गांव में यहां तो बकायदे पोस्टर लगाकर ग्रामवासियों ने धमकी दी है कि यदि रोड नहीं बना तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे

Siddharthnagar: लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में आपको हर जगह कुछ अजीब गरीब किस्से सुनने को मिल जायेंगे। कहीं पत्रकार खदेड़े जा रहे हैं तो कहीं सांसद को गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है। ऐसी ही एक घटना सामने आई है सिद्धार्थनगर के एक गांव से, यहां पर गांव में बकायदा रोड नहीं तो वोट नहीं का पोस्टर लगा है।

जानिए पूरा मामला 

सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ विधानसभा के अंतर्गत, ब्लॉक बढ़नी के बगल रहने वाले मधवानगर के ग्रामवासीयों ने गांव में बैनर-पोस्टर लगाकर “रोड नही तो वोट नही,समस्या का समाधान नहीं तो ऐसे लोगों के पक्ष में मतदान नहीं” का नारेबाजी कर डुमरियागंज लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं। ग्रामवासीयों का कहना है कि NH-730 बढ़नी- पचपेड़वा मार्ग समय माता स्थान से निकल कर मधवानगर होते हुए बैरिहवा तक जाने वाली करीब 5 किलोमीटर पक्की सड़क जो वर्ष 2004 में मंडी समिति द्वारा निमार्ण कराया गया था। जिसके बाद आज तक कोई ध्यान नही दिया गया है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सहित विभागीय शिकायत भी गांव वालों ने कई बार किया है और समय-समय पर ख़बरें भी प्रकाशित होती रही है।

2009 में भी किया था चुनाव बहिष्कार

वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भी मधवानगर के ग्रामवासियों ने विकास के मुद्दे को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया था। फिर भी विकास को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। गांव वालों का कहना है कि हम लोग उस ब्लाक मुख्यालय के बगल में रहते हैं। जहां से सभी ग्राम पंचायतों के विकास का खाका तैयार किया जाता है। लेकिन यह हम लोगों का दुर्भाग्य कहें या बदनसीबी कि आजादी के 76 साल बाद भी ब्लाक मुख्यालय जाने के लिए पक्की सड़क तक नसीब नही है। मधवानगर गांव से पश्चिम ब्लाक मुख्यालय जाने वाली कच्ची सड़क पर भी 2021 मे नई पक्की सड़क बनाये जाने का स्टीमेट बना था। जो पिछले तीन वर्षों से बजट का इंतजार कर रहा है। बढ़नी बाजार जाने के लिए जो पक्की सड़क मंडी समिति के द्वारा बनाई गई थी वह पिछले 20 वर्षो से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है, और सड़क में बड़े -बड़े गढ्ढे हो गये है। जबकि गांव में बिजली पावर हाउस बन जाने के बाद, इसी रास्ते से तमाम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का आना जाना लगा रहता है। फिर भी कोई ध्यान नही दिया जाता है।

कई बार जनप्रतिनिधियों से की गई शिकायत

ग्रामीणों ने कहा कि, इसके लिए मीडिया के माध्यम से व विभागीय शिकायत कर कई बार, सांसद व विधायक को लिखित पत्र देकर भी मांग की गई थी । लेकिन समस्या जस का तस पड़ा हुआ है। छोटे -छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए गांव में प्राइमरी स्कूल तक नही है। बच्चों को पढ़ने के लिए हाइवे से होकर 10 किलोमीटर दूर आना जाना पड़ता है। महिलाओं को राशन लेने के लिए दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। पथ प्रकाश की कोई व्यवस्था न होने के कारण पूरा गांव अंधेरे में डूबा रहता है। जल निकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण बरसात के दिनों में लोगों के घरों में पानी घुस जाता है। गांव में किसी भी रास्ते से आना जाना हो तो कीचड़ में घुस कर आना जाना पड़ता है। JE (जापानी इंसेफलाइटिस) प्रभावित गांव होने के बावजूद भी आज तक शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि जल शक्ति मिशन के तहत हर घर नल जल योजना के माध्यम से पहुंचने वाले पानी के लिए पाइपलाइन बिछाकर आधा अधूरा कार्य करके छोड़ दिया गया है। हमलोगों को मजबूरी में अशुद्ध पानी पीने से लोगों में तमाम तरह के गंभीर बीमारियां हो रही है और PHC बढ़नी में ऐसे बीमारियों के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नही है। सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है। गांव वालों का कहना है कि हम उन समस्याओं के प्रति ध्यान आकर्षित करना चाहते है। जिसके लिए कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व जिम्मेदार अधिकारियों से मांग की गई थी, लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान कराये जाने की मांग की है।

सांसद व विधायक दोनों है भाजपा के 

आपको बताते चलें कि, सिद्धार्थनगर में सांसद भाजपा के हैं तो विधायक भी भाजपा समर्थित अपना दल के हैं। भाजपा से यहां जगदंबिकापाल सांसद हैं तो शोहरतगढ विधानसभा से अपना दल के विनय वर्मा विधायक हैं। भाजपा ने एक बार फिर यहां से जगदंबिकापाल को टिकट दिया है।

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