उप्र में शराब होगी महंगी, योगी कैबिनेट नई आबकारी नीति को दी मंजूरी

आबकारी विभाग से करीब 45 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य

लखनऊ, 28 जनवरी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के लिए नई आबकारी नीति तैयार की है। राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने भी शनिवार को अपनी मंजूरी दे दी। नई आबकारी नीति में शराब और बीयर की दुकानों की लाइसेंस फीस में दस प्रतिशत बढ़ोत्तरी की गई है। साथ ही सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग से करीब 45 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस दौरान कैबिनेट ने राज्य सरकार के कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित किया। मंत्रिमंडल द्वारा पारित नई आबकारी नीति में किए गए प्रावधानों से देशी, अंग्रेजी और प्रीमियम ब्रांड की शराब के दामों में पांच से दस रुपये का इजाफा हो सकता है। देशी मदिरा, विदेशी मदिरा, बीयर एवं भांग की फुटकर दुकानों और मॉडल शॉप का वर्ष 2023-24 के लिए नवीनीकरण हेतु आवेदन पत्र की प्रोसेसिंग फीस और नवीनीकरण फीस में वृद्धि की गई है। मॉडल शॉप की लाइसेंस फीस दो लाख से तीन लाख कर दी गई है।

इसके अलावा गोदामों के लाइसेंस की फीस और प्रतिभूति में वृद्घि की गई है। मास्टर वेयरहाउस के पंजीकरण और नवीनीकरण फीस को भी बढ़ा दिया गया है। होम लाइसेंस के लिए मदिरा क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने की अधिकतम मात्रा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नई नीति में देशी एवं अंग्रेजी शराब, बीयर की दुकानों और मॉडल शॉप के खोलने और बंद होने के समय में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

निजी औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना अनुमोदित

मंत्रिमंडल ने औद्योगिक भूमि की आवश्यकता को सुनिश्चित कराने हेतु निजी औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना को अनुमोदित किया है। इस योजना के अन्तर्गत 2500 करोड़ रुपये के रिवॉल्विंग फण्ड का कारपस बनाया जायेगा, जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 300 करोड़ रुपये का बजट प्राविधानित है। कारपस फण्ड हेतु पूर्ण धनराशि की व्यवस्था 05 वर्ष में बजट के माध्यम से कर ली जायेगी।

इस योजना के अन्तर्गत 10 एकड़ से लेकर 50 एकड़ भूमि पर एमएसएमई पार्क विकसित करने वाले प्रवर्तकों को जिला कलेक्टर रेट पर भूमि के मूल्य का 90 प्रतिशत अथवा औद्योगिक पार्क को विकसित करने हेतु आवश्यक धनराशि में से जो भी कम हो, एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करायी जाएगी। शेष पूंजी की व्यवस्था निजी प्रवर्तक द्वारा स्वयं के स्रोतों से अथवा बैंक से ऋण लेकर करनी होगी।

मंत्रिमंडल के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

-मंत्रिमंडल ने प्रदेश में मिलेट्स (ज्वार, बाजरा, कोदो, सावां, रागी, मडुआ आदि) की खेती, प्रसंस्करण एवं उपभोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम’ के संचालन के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है।

-प्रदेश में संचालित प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन (एग्रीजंक्शन) योजना को आगामी 05 वर्ष के लिए संचालित करने की अनुमति।

-मंत्रिमंडल ने उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2022 को मंजूरी दी।

-प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और उससे जुड़े व्यक्तियों के कल्याण के लिए मत्स्य पालक कल्याण फण्ड की स्थापना हेतु नियमावली में तृतीय संशोधन के प्रस्ताव को पारित किया।

-उप्र बेसिक शिक्षा परिषद तथा अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों को सेवानिवृत्ति की आयु के पूर्व असामयिक मृत्यु की दशा में ग्रेच्युटी के भुगतान के सम्बन्ध में प्रस्ताव पारित हुआ।

-पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, सीतापुर और मुरादाबाद एवं जनपद अमरोहा व संभल की पुलिस लाइन में आवासीय-अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु धन की स्वीकृति।

-उप्र राज्य विधान मण्डल के सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2023 का प्रारूप अनुमोदित।

-चित्रकूट में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए 8.345 हे0 भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरित किये जाने के प्रस्ताव को अनुमति।

-जनपद महोबा में नवीन जिला कारागार के निर्माण हेतु 20342.99 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति।

-जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठापित करने हेतु प्रथम चरण में एमओयू के निष्पादन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया।

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