धरने पर उतरे यूपी के लेखपाल, जानिए वजह

उत्तर प्रदेश में लेखपाल संघ के प्रांतीय संगठन के आह्वान पर पिछले 16 दिनों से सभी जिलों में वेतनमान तथा पदोन्नत सहित आठ सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है । ऐसे में जिले के सभी लेखपाल अपनी राजकीय ड्यूटी छोड़कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं । जिसमें तमाम जनपदों में इनके खिलाफ कठोर कार्यवाही भी की गई है। अब शासन के निर्देश पर जिला अधिकारी के द्वारा जिले के लेखपाल संघ के पदाधिकारियों की बैठक की जा रही है और इन लोगों को काम पर वापस लाने की बातचीत जारी है।

वहीं पर जब धरना दे रहे जिले के तमाम लेखपालों के साथ जिलाध्यक्ष राजेंद्र कुमार तिवारी ने बात की तो उन्होंने बताया की शासन प्रशासन द्वारा सिर्फ हठ योग अपनाया गया है। जैसा कि मुख्यमंत्री महोदय का एक स्वभाव है। सभी मांगे हमारी प्रत्येक स्तर पर प्रस्तावित हो चुकी हैं ।
केवल मुख्यमंत्री के आदेश पर शासनादेश जारी होना है । वह अपना हठ नहीं त्याग रहे हैं और शासनादेश नहीं जारी करा रहे हैं । जिलाधिकारी अमेठी से हम लोगों की वार्ता हुई । मैंने जिलाधिकारी को बताया यह प्रकरण जिला स्तर का ना होकर प्रदेश स्तर का है और जो भी मांगे हैं वह जिले स्तर की ना होकर प्रदेश स्तर की है । इसलिए मेरा जो धरना चल रहा है वह प्रांतीय आह्वान पर चल रहा है। ऐसे में जैसे ही हम लोगों को जो भी प्रांतीय संगठन से निर्देश मिलेगा वह हम आपको अवगत कराएंगे। इसलिए हम लोग आपसे हड़ताल समाप्त करने संबंधी कोई बात नहीं कर सकते हैं । हमारा लेखपाल संघ डरने वाला नहीं है और ना ही वह भयभीत है । वह बिल्कुल निर्भीक है । किसी न किसी दिन सरकार घुटने टेकेगी और वह हमारी मांगों को मानेगी और शासनादेश जारी कराएगी ।

प्रशासन दमन नीति से धरने को समाप्त करना चाहता है । जो कि कतई संभव नहीं है और लेखपाल डरने वाला नहीं है । लेखपाल जो कदम उठा लेता है उससे पीछे नहीं रखता है जब तक कि उसको सार्थक परिणाम नहीं मिल जाता है । 27 दिसंबर को हमारा कार्यक्रम विधानसभा घेराव का था । उसको हम लोगों के प्रांतीय संघ ने नागरिकता कानून और धारा 144 को देखते हुए स्थगित कर दिया है । हम लोग शांतिप्रिय कर्मचारी हैं हम लोग कोई ऐसा बवाल नहीं करना चाहते हैं। जिससे सरकार और जनता का कोई अहित हो ऐसे में इसी स्थान पर धरना तब तक चलता रहेगा जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं।

इस मामले में जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बताया जिले में लेखपालों के द्वारा किए जाने वाले धरने में जिला प्रशासन की तरफ से कड़ी कार्यवाही की गई है । जिसमें 10 लेखपालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और 27 लेखपालों को निलंबित किया गया है। इसी के साथ 215 लेखपालों की सर्विस ब्रेक कर दी गई है । इसी के साथ ही जिले के लेखपाल संघ के प्रमुख पदाधिकारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई गई है । जिसके चलते 26 लेखपाल काम पर वापस आए हैं । कल सभी लेखपालों के पदाधिकारियों को बुलाकर जिलाधिकारी ने बैठक की जिसमें जिला अधिकारी महोदय ने लेखपाल संघ के पदाधिकारियों से आह्वान किया कि अपनी हड़ताल खत्म कर शीघ्र काम पर वापस आएं । जिससे जिलाधिकारी महोदय ने आगामी एक-दो दिनों में लेखपालों द्वारा दिए जा रहे धरने को खत्म कर काम पर वापस लौटने की उम्मीद जताई है । लेखपालों के धरने पर चले जाने पर जनता को हो रही समस्याओं के दृष्टिगत जिलाधिकारी महोदय ने आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, गांव में कंबल वितरण तथा अलाव जलवाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य को बहाल करने के लिए राजस्व विभाग के अन्य अधिकारियों की मदद ली है ।

वहीं पर जिलाधिकारी महोदय ने माना कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कई लेखपालों ने सहयोग भी प्रदान किया है । इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अभी जो कारवाई की गई है इसके अलावा आने वाले कार्यों को ध्यान में रखते हुए यह लोग शीघ्र वापस आ जाएंगे । जिले के कुल 215 लेखपालों की सर्विस करने के कार्य किए गए हैं जिसके चलते इन सभी लेखपालों को धरना अवधि का वेतन भी देय नहीं होगा।

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