गांधी जयंती पर आज़ाद हुए जम्मू कश्मीर के ये नज़रबंद नेता

गांधी जयंती के मौके पर जम्मू और कश्मीर में नज़रबंद नेताओं को भी तोहफा मिला है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कुछ नेताओं की नजरबंदी खत्म कर दी है।
जम्मू में नजरबंद नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पैंथर्स पार्टी के नेताओं पर से नजरबंदी हटा दी गई है। पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को भी नजरबंद किया गया था।

डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के देवेंद्र राणा और एसएस सालाथिया, कांग्रेस रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह को भी आज़ाद कर दिया गया है। इन नेताओं को 5 अगस्त से नजरबंद रखा हुआ था। बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था और राज्य को 2 हिस्से में बांटते हुए अनुच्छेद 370 को भी निष्प्रभावी कर दिया था। सरकार ने इस फैसले के साथ ही राज्य के कई विपक्षी नेताओं को नजरबंद में रखा था।

नेताओं को रखा था नज़रबंद

अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को नजरबंद किया था। लाल सिंह पहले जम्मू के नेता हैं, जिन्हें नजरबंद किया गया था। चौधरी लाल सिंह को जम्मू के गांधीनगर में उनके सरकारी आवास से निकलने की इजाजत नहीं दी गई। वहीँ कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत अन्य नेताओं को नज़रबंद किया गया था। इसको लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर कश्मीर घाटी में लोगों को कैद करने का आरोप लगाया था।

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