लालू की बेटी रोहिणी चुनावी रण में, सारण लोकसभा का समीकरण बिहार के सामने।

बिहार की सारण लोकसभा सीट सुर्खियों में है। यहां से लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में हैं क्या कहता है सारण लोकसभा का समीकरण पढ़ें रिपोर्ट-

Loksabha Elections बिहार 2024: बिहार की सारण लोकसभा सीट काफी सुर्खियों में है, क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल ने इस सीट पर रोहिणी आचार्य को मैदान में उतारा है।

रोहिणी आचार्य लालू यादव की बेटी हैं, जो तकरीबन डेढ़ साल पहले अपने पिता लालू प्रसाद को किडनी दान देकर चर्चा में आई थीं।रोहिणी के सामने सारण की उस लोकसभा सीट को जीतने की चुनौती है, जहां से लालू यादव पहली बार सांसद बने थे, लेकिन पिछले दो चुनावों से लगातार इस सीट पर भाजपा का कब्जा है।सारण की खास बात यह है कि इस सीट को लालू प्रसाद यादव का गढ़ माना जाता है।

लालू यादव चार बार यहां से सांसद रहे चुके हैं।सारण लोकसभा सीट पर रोहिणी का सीधा मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी से माना जा रहा है। रूडी साल 2014 से लगातार दो बार से इस सीट से सांसद हैं।सारण लोकसभा सीट से लालू की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके समधी चंद्रिका राय रूडी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरकर अपना भाग्य आजमा चुके हैं, लेकिन दोनों ही लोग इस सीट पर विजय का पताका फहराने से चूक गए हैं।

2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में सारण सीट से राजीव प्रताप रूडी को ही जीत मिली।इस लिहाज से सारण सीट पर रूडी का मुकाबला लगातार लालू या उनके परिवार के किसी सदस्य से ही होता रहा है।

अबकी बार लालू की बेटी रोहिणी आचार्य पहली बार इस सीट से चुनाव मैदान में हैं।हालांकि, रोहिणी आचार्य इस सीट पर अबकी बार अपनी जीत पक्की मानकर चल रही है. वो बार-बार यह दोहरा रही हैं कि राजनीति मेरे लिए कोई नई बात नहीं है।

मैं बचपन से यह सब देखते आई हूं। मैं राजनीतिक परिवार से हूं और सारण की जनता का मुझे भरपूर प्यार मिल रहा है।बता दें, 1977 में पहली बार लालू प्रसाद यादव इसी इलाके से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। लालू यादव ने उस वक्त भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव जीता था। उस समय यह सीट छपरा लोकसभा सीट के नाम से जाती थी।2004 में भी छपरा लोकसभा सीट से लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी को हराया था।

लालू यादव ने आखिरी बार इस सीट से 2009 में लोकसभा चुनाव जीता था।उस बार भी लालू का मुकाबला राजीव प्रताप रूडी से ही हुआ था. साल 2008 में परिसीमन के बाद इस सीट का नाम सारण लोकसभा सीट कर दिया गया।उसके बाद राजीव प्रताप रूडी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय को इस सीट से हराया था। वहीं, 2014 की बात करें तो रूडी ने राबड़ी देवी को इस सीट हराया था।

हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनावों में आरजेडी इस इलाके में अपनी पकड़ फिर से मजबूत करती दिखी।

फिलहाल, सारण लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से चार पर आरजेडी का कब्जा है तो दो विधानसभा सीटें भाजपा के पास हैं। इनमें से एक सीट सुरक्षित भी है जो आरजेडी के पास है। इनमें से मारहौरा, गरखा, परसा और सोनपुर आरजेडी के पास हैं, तो छपरा और अमनौर सीटें भाजपा के पास हैं।

2019 के चुनावों में राजीव प्रताप रूडी ने चंद्रिका राय को एक लाख अड़तीस हजार वोटो से हराया था।वहीं, 2014 की बात करें तो रूडी ने राबड़ी देवी के अड़तीस हजार वोटों से शिकस्त दी थी।

इसके पूर्व यानी 2009 के लोकसभा चुनावों की चर्चा करें तो जब यह सीट अस्तित्व में आई और पहली बार लालू यादव यहां से चुनाव लड़े तो उन्होंने राजीव प्रताप रूडी को इक्यावन हजार से अधिक वोटों से हराया था।

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