लालू की किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी!:सिंगापुर के डॉ. लीव के संपर्क में परिवार,

पटना के डॉक्टर बोले- यहां भी ट्रांसप्लांट हो सकता है

लालू की बीमारी और बढ़ती उम्र चिंता का विषय है।

लालू प्रसाद यादव हार्ट, बीपी, सांस सहित किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं। उनका पूरा परिवार इसको लेकर खासा चिंतित है। एम्स और सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर उनकी देखरेख कर रहे हैं। उनकी किडनी के ट्रांसप्लांट की भी तैयारी है। परिवार से कुछ लोगों ने किडनी देने के लिए संपर्क भी किया है। वहीं, पटना के डॉक्टरों का मानना है कि अगर परिवार के सदस्य में से कोई किडनी दे तो ज्यादा बेहतर होगा।

बताया जा रहा है कि अपनी जिद से वे उपचुनाव में दिल्ली से पटना तो आ गए, पर परिणाम आने के दूसरे ही दिन तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वापस दिल्ली जाना पड़ा।

जानकारी है कि अब उनके परिजन सिंगापुर के डॉक्टर लीव के संपर्क में हैं। इन्होंने ही अमर सिंह और RK सिन्हा का किडनी ट्रांसप्लांट किया है।

लालू प्रसाद का स्वास्थ्य पटना में लगातार गिरने लगा था। कमजोरी बढ़ने लगी थी। उन्हें डॉक्टर की हिदायत के अनुसार ही पानी पीने के लिए दिया जाता है, वजह यह कि किडनी ज्यादा लोड लेने की स्थिति में नहीं है। हालांकि, पटना में भी किडनी ट्रांसप्लांट हो रहा है, पर सिंगापुर का अस्पताल धनी लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

डॉ. सत्यजीत सिंह ने कहा- डायलिसिस इलाज नहीं, ज्यादा उम्र के मरीजों में ट्रांसप्लांट रिस्की

रूबन अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सत्यजीत सिंह ने भास्कर से बातचीत में कहा- ‘किडनी ट्रांसप्लांट वर्षों से बिहार में भी हो रहा है, लेकिन जिनकी जहां इच्छा होती है वे वहां करवाते हैं। किडनी फेल्योर की स्थिति में डायलिसिस इलाज नहीं है, इसका इलाज ट्रांसप्लांट ही है। ज्यादा उम्र होने पर यह रिस्की भी होता है। जिन देशों में स्वास्थ्य सेवा ज्यादा बेहतर है, वहां ट्रांसप्लांट ज्यादा होता है। ट्रांसप्लांट के लिए अपने परिवार का कोई सदस्य किडनी डोनेट करे तो ज्यादा बेहतर है। जीन ज्यादा मैच करता है। घर का सदस्य किडनी दे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। ‘

डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह

डॉ. अजय कुमार बोले- अलग-अलग जरूरतों के अनुसार फैसले लिए जाते हैं

पारस अस्पताल में यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और ट्रांसप्लांटेशन के डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार ने कहा- ‘जो देवता जिन्हें पसंद हैं वे उनकी पूजा करते हैं। यानी, जिनको जो डॉक्टर पसंद आते हैं वे उनसे इलाज करवाते हैं। किडनी में ज्यादा दिक्कत होगी तो यूरिन शरीर में जमा होने लगता है और हानि पहुंचाता है। इसलिए ज्यादा दिक्कत होने पर डायलिसिस में जाना पड़ता है।

कुछ लोग इंतजार करते हैं कि जब डायलिसिस फेल कर जाएगा तब ट्रांसप्लांट करवाएंगे। कुछ को डायलिसिस से कंप्लिकेशन होने लगती है। कुछ है कि डायलिसिस में जाने से पहले इनिशियल फेज में ही किडनी ट्रांसप्लांट के लिए रेडी हो जाते हैं।’

डॉ. अजय कुमार।

किडनी का मुख्य काम क्या है?

शरीर में किडनी के कई काम हैं। इसका काम खून का शुद्धीकरण, अपशिष्ट उत्पादों को निकलना, शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखना, शरीर में सोडियम, पोटैशियम, क्लोराइड, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, बाइकार्बोनेट आदि की मात्रा नियंत्रित रखना, खून के दबाव पर नियंत्रण, रक्तकणों के उत्पादन में सहायता देना, विटामिन डी को सक्रिय रूप में परिवर्तित करना आदि होता है।

लालू प्रसाद की किडनी के बारे में जानकारी है कि वह 25 फीसदी ही काम कर रहा है। इसलिए, जल्द से जल्द ट्रांसप्लांट को लेकर उनके परिजन डॉक्टर से बात कर रहे हैं। उम्र भी बढ़ती जा रही है।

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