आंधी-बारिश से तबाही ! 50-60 km की रफ्तार से आया तूफान, पिता-पुत्री समेत 3 की मौत, सैकड़ों पेड़ गिरे

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में बुधवार सुबह तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचा दी। अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की जान चली गई, जिनमें एक पिता और उनकी मासूम बेटी शामिल हैं। आंधी के कारण जिलेभर में सैकड़ों पेड़ गिर गए, कई घर क्षतिग्रस्त हुए, रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ और बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है।
पिता-पुत्री की मौत, परिवार के अन्य सदस्य घायल
मझगईं थाना क्षेत्र के छेदुई पतिया फार्म गांव में रक्षपाल सिंह (45) अपने परिवार के साथ घर में सो रहे थे। अचानक आए तूफान में ईंट की दीवार और उस पर रखा छप्पर गिर गया, जिससे रक्षपाल, उनकी दोनों पत्नियां, 13 वर्षीय बेटा गुरजीत और 10 वर्षीय बेटी रमनदीप मलबे में दब गए। स्थानीय लोगों ने राहत कार्य करते हुए सभी को बाहर निकाला, लेकिन तब तक रमनदीप की मौत हो चुकी थी। रक्षपाल को अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में उनकी भी मौत हो गई। अन्य तीन घायलों का इलाज निघासन सीएचसी में जारी है।
80 वर्षीय वृद्धा की टीनशेड गिरने से मौत
निघासन के गांव ग्रंट नंबर 12 की 80 वर्षीय फुलवासा, घर के बाहर दीवार से सटी टीनशेड के नीचे सो रही थीं। सुबह करीब 6:30 बजे आए तेज झोंकों ने टीनशेड और उस पर रखी ईंटें वृद्धा पर गिरा दीं। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें फूलबेहड़ सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सीएचसी अधीक्षक डॉ. कमलेश नारायण के अनुसार महिला की मौत सिर की गंभीर चोट से हुई है।
रेलवे और सड़क यातायात पर असर, ट्रेनें रद्द
तेज हवाओं के कारण पलिया-मझगईं व बिजुआ क्षेत्र में कई स्थानों पर पेड़ गिर गए। रेलवे ट्रैक पर भी भारी पेड़ गिरने से पलिया से मैलानी और मैलानी से नानपारा के बीच ट्रेनों का संचालन बंद रहा। शारदा पुल के पास चार पेड़ गिरने से ट्रैक पूरी तरह जाम हो गया। रेलवे कर्मचारी और स्थानीय लोग रास्ता साफ करने में जुटे रहे।
दर्जनों घर क्षतिग्रस्त, कई मवेशियों की मौत
मेलाघाट और अतरिया क्षेत्र में पुराने पेड़ गिरने से कई घरों को नुकसान पहुंचा है। संकटा प्रसाद, रामदेव, धीरज कुमार समेत कई ग्रामीणों के घरों की छतें टूट गईं। अतरिया गांव में पेड़ गिरने से एक गाय और एक बछड़े की भी मौत हो गई। पलिया कोतवाली परिसर में भी पेड़ गिरने से स्टाफ की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं।
घायल ग्रामीणों की बढ़ती संख्या
मझगईं, नौगवां, त्रिलोकपुर और बल्लीपुर क्षेत्रों में तूफान के दौरान दीवारें और पेड़ गिरने से कई लोग घायल हो गए। वनघुसरी निवासी रेनू देवी, इमलिया की सोनिका, बेला कलां की कैसर निशा और उनके पति लियाकत सहित कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बिजली व्यवस्था ध्वस्त, 35 खंभे गिरे
पलियाकलां में आंधी के कारण 35 विद्युत पोल गिर गए हैं, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के चलते पहले से चरमराई व्यवस्था और बिगड़ गई है। निघासन डिवीजन के एक्सईएन रवींद्र कुमार यादव ने बताया कि सीमित स्टाफ से आपूर्ति बहाल करने की कोशिश की जा रही है और देर शाम तक बिजली लौटने की उम्मीद है।
प्रशासनिक कार्रवाई और राहत कार्य शुरू
एसडीएम निघासन राजीव निगम और थाना प्रभारी राजू राव ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। क्षेत्रीय लेखपालों को नुकसान के सर्वेक्षण के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री वितरित कर रहा है और शासन से आर्थिक सहायता दिलाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
गांवों में बर्बादी का मंजर
निघासन के गंगाबेहड़, बोधिया, बनघुसरी, मुर्गहा, दौलतपुर, खैरहना, सलीमाबाद समेत दर्जनों गांवों में सैकड़ों मकानों के छप्पर उड़ गए, कई दीवारें गिरीं और मवेशियों की मौत हुई। ग्रामीणों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है और जनजीवन अभी भी अस्त-व्यस्त बना हुआ है।