खौफनाक मंजर: होटल की चौथी मंजिल पर लगी आग, 14 लोगों की मौत.. छतों से कूदकर लोगों ने बचाई जान

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मंगलवार रात एक बड़ा हादसा हो गया। मध्य कोलकाता के फलपट्टी मछुआ इलाके स्थित रितुराज होटल में आग लगने से 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। पुलिस और फायर ब्रिगेड ने समय रहते 22 लोगों की जान बचा ली, लेकिन हादसे की भयावहता ने पूरे राज्य को झकझोर दिया।

कैसे हुआ हादसा: रात 8:15 बजे होटल की चौथी मंजिल पर लगी आग

कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज कुमार वर्मा के मुताबिक, आग रात करीब 8:15 बजे होटल की चौथी मंजिल पर लगे बिजली मीटर में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। देखते ही देखते आग ने पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। दमकल की गाड़ियां और पुलिस की टीम मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान टीम ने 14 शवों को बाहर निकाला, जिनमें 2 महिलाएं, 1 बच्चा और 11 पुरुष शामिल हैं।

जान बचाने के लिए छत से कूद पड़े लोग

घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों के मुताबिक, आग लगने के बाद कई लोग जान बचाने के लिए होटल की छत और खिड़कियों से कूदते हुए देखे गए। कुछ लोग गंभीर रूप से झुलस गए और कई को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें लोगों की चीख-पुकार और हड़कंप का माहौल देखा जा सकता है।

जांच में तेजी: SIT का गठन, कारणों की होगी गहराई से जांच

कोलकाता पुलिस ने हादसे की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया है। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की बात सामने आई है, लेकिन होटल में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं थे — इस बिंदु को लेकर पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। कोलकाता नगर निगम की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

नेताओं की प्रतिक्रियाएं: फायर सेफ्टी को लेकर उठे सवाल

केंद्रीय मंत्री और बंगाल BJP अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने घटना पर दुख जताते हुए राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा —
“मैं राज्य प्रशासन से आग्रह करता हूं कि प्रभावित लोगों को तुरंत राहत दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए फायर सेफ्टी के नियमों की सख्त निगरानी हो।”

कांग्रेस ने उठाए प्रशासन पर सवाल

पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने भी इस दुखद घटना पर गहरा दुख जताया और कोलकाता नगर निगम पर सवाल उठाते हुए कहा —
“यह एक दर्दनाक हादसा है, लेकिन हैरानी की बात है कि होटल में कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे। समझ नहीं आता कि कोलकाता कॉर्पोरेशन क्या कर रहा है।”

फायर सेफ्टी की लापरवाही बनी मौत का कारण?

इस घटना ने एक बार फिर शहरों में फायर सेफ्टी मानकों की लचर व्यवस्था को उजागर कर दिया है। कोलकाता जैसे महानगर में एक व्यावसायिक होटल में बिना उचित फायर अलार्म सिस्टम और बचाव के रास्तों के संचालन, प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते आग पर काबू पा लिया जाता और फायर सेफ्टी के मापदंडों का पालन होता, तो कई जानें बचाई जा सकती थीं।

प्रशासन पर सवाल, जवाबदेही तय करने की मांग

कोलकाता के रितुराज होटल में हुई यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि सिस्टम की विफलता की कहानी है। अब जरूरी है कि SIT की जांच के आधार पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और राज्यभर में फायर सेफ्टी मानकों की दोबारा समीक्षा हो। यह हादसा चेतावनी है कि केवल रेस्पॉन्स नहीं, बल्कि पूर्व तैयारी ही जान बचा सकती है।

 

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