“वो मुझे खींचकर ले गए, फिर.. गॉर्ड भी..” कॉलेज में लॉ स्टूडेंट से गैंगरेप, BJP का दावा– “TMC से जुड़ा है आरोपी”

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना ने राज्य समेत पूरे देश को झकझोर दिया है। यह शर्मनाक वारदात कॉलेज कैंपस के भीतर 25 जून को शाम 7:30 बजे से रात 8:50 बजे के बीच हुई। पुलिस ने मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, भाजपा ने एक आरोपी के तृणमूल कांग्रेस (TMC) से जुड़ा होने का दावा करते हुए सत्ताधारी पार्टी को घेरा है।
कॉलेज कैंपस में गैंगरेप
घटना में शामिल तीनों आरोपी – मोनोजीत मिश्रा (31), जैब अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20) – में से दो वर्तमान छात्र हैं जबकि एक पूर्व छात्र है। आरोप है कि इन तीनों ने मिलकर कॉलेज परिसर में छात्रा को अपनी हवस का शिकार बनाया। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की और 26 जून की शाम को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
तीन गिरफ्तारियां और सबूत जब्ती की कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, मोनोजीत मिश्रा और जैब अहमद को 26 जून को शाम 7:20 बजे और 7:35 बजे के बीच सिद्धार्थ शंकर राय शिशु उद्यान के पास से हिरासत में लिया गया। इन दोनों के मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त कर लिए हैं, जिनसे घटना से जुड़ी जानकारी जुटाई जा रही है। तीसरे आरोपी प्रमित मुखर्जी को 27 जून की रात 12:30 बजे उसके घर से गिरफ्तार किया गया और उसका मोबाइल भी बरामद किया गया।
भाजपा का आरोप
घटना के राजनीतिक रंग लेने की शुरुआत भाजपा नेता अमित मालवीय के एक सोशल मीडिया पोस्ट से हुई। उन्होंने एक बंगाली न्यूज रिपोर्ट साझा करते हुए आरोप लगाया कि आरोपियों में से एक का संबंध सत्ताधारी पार्टी TMC से है। उन्होंने लिखा – “हैरान कर देने वाली घटना! एक महिला लॉ छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में गैंगरेप हुआ, आरोपियों में एक पूर्व छात्र और दो कॉलेज स्टाफ शामिल हैं।”
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया स्वत
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग की चेयरपर्सन विजया रहाटकर ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर घटना की त्वरित और समयबद्ध जांच की मांग की है। पत्र में BNS की प्रासंगिक धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई और पीड़िता को मेडिकल, मानसिक और कानूनी सहायता देने की बात कही गई है। साथ ही BNS की धारा 396 के तहत मुआवजा देने की सिफारिश की गई है। आयोग ने तीन दिनों में विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
पिछले साल डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर की घटना
गौरतलब है कि कोलकाता में इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है। 8 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ अस्पताल परिसर में रेप और मर्डर की वारदात हुई थी। उसकी लाश अगले दिन सेमिनार हॉल में बरामद हुई थी। पुलिस ने मामले में संजय रॉय नामक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया था।
आजीवन कारावास की सजा
इस जघन्य अपराध में कोर्ट ने 18 जनवरी 2025 को संजय रॉय को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही उस पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया गया था। इस मामले ने बंगाल समेत देशभर में आक्रोश फैलाया था और राज्य में दो महीने तक स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं।
सरकार और पुलिस पर दबाव
लॉ कॉलेज में हुई ताजा घटना ने एक बार फिर बंगाल में महिला सुरक्षा और कॉलेज परिसरों की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर भारी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद सरकार पर भी आरोपियों के राजनीतिक संरक्षण की जांच का दबाव बढ़ गया है।