केशव प्रसाद मौर्य और योगी आदित्यनाथ के बीच मची सियासी जंग जानिए क्या है पुरा मामला

वरिष्ठ पत्रकार रत्नेश पाठक का कहना है कि केशव प्रसाद मौर्य अपना पद छोड़ सकते है यह खबर अभी चर्चा में है । वह उनकी व्यक्तिगत असुरक्षा है । उनका घटता जनाधार है । रत्नेश पाठक के अनुसार केशव प्रसाद मौर्य की सबसे बड़ी परेशानी है कि वह चुनाव हार गए है । उनका कहना है की केशव प्रसाद मौर्य की जो सत्ता के लिए हनक होती थी वह खत्म हो गई है । पिछले कार्यकाल के मुताबिक वह हनक अब केशव प्रसाद मौर्य के अंदर नहीं है ।




रत्नेश पाठक के अनुसार हास्य में रहना राजनीती में और सत्ता सम्हालना वह एक पीढा होती है उसे मर्मांतक पीढा कहते है । रत्नेश पाठक दंगल का उधारन देते हुए एक शब्द का प्रयोग किया भापता मतलब लोग जो वर्जिस करते है । लोग दिखाते है कि वह कितने शक्तिशाली है । जिसमे रत्नेश पाठक का कहना है कि अब वह एक हास्य का विषय बन चुका है जिसका घाव केशव प्रसाद मौर्य के मन में है । अब यह देखना है कि उनकी क्या प्रक्रिया होगी या नहीं होगी यही सबसे महत्वपूर्ण चर्चा का विषय होगा ।




रत्नेश पाठक के अनुसार अगर कोई प्रक्रिया नहीं होती है तब अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी अपने दाव चल कर इन्हे तोड़ सकता है तब एक बड़ा वोटर का वर्ग जिसमे अन्य पिछड़ा वर्ग(ओ बी सी) और पूर्वी उत्तर प्रदेश का क्षेत्र जिसमे केशव प्रसाद मौर्य की पहुंच है उस वर्ग में से कुछ प्रतिशत वोट जा सकते है लेकिन अभी कोई इस दाव को खेलना नहीं चाहता है । अभी के लिए 2023 के खत्म होने का इंतजार होगा जब लगेगा 2024 के चुनाव की तैयारी करनी होगी तब देखेंगे क्या होगा ।

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