पहली बार श्री काशी विश्वनाथ धाम में बटेगा खजाना।

 

 

*पहली बार श्री काशी विश्वनाथ धाम में बटेगा खजाना*

*- स्वर्णमई माअन्नपूर्णा और बाबा का एक साथ होगा दर्शन*

*मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए खुलेगा दरबार*

पहली बार श्री काशी विश्वनाथ धाम स्थितअन्नपूर्णा मंदिर में अन्न धन का खजाना बांटा जाएगा। इस परंपरा की शुरुआत रविवार की भोर में प्रातः काल 4 बजे अभिजीत मुहूर्त में शुरू किया जाएगा। आरती के पश्चात माता की स्वर्णमई प्रतिमा और करीब 108 साल बाद कनाडा से वापस श्री काशी विश्वनाथ धाम में पहुंची अन्नपूर्णा माता की प्रतिमा का दर्शन शुरू होगा। यही नहीं इस बार एक ही परिसर में माता और विश्वनाथ जी के दर्शन भी भक्त कर सकेंगे। इस दर्शन व्यवस्था के लिए मंदिर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभी श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के पूर्वी प्रवेश द्वार से प्रवेश कराकर माता का भव्य दर्शन कराया जाएगा, वही अन्न और धन का खजाना भी सभी दर्शनार्थियों को वितरित किया जाएगा। इसके अलावा मंदिर परिसर में भव्य सजावट और झांकी भी सजाई गई है, ताकि भक्तों को एक अलग अनुभव कराया जा सके।

 

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि पहले की अपेक्षा श्री काशी विश्वनाथ धाम कई गुना बड़ा हो गया है। माता अन्नपूर्णा का दरबार भी पहले से भव्य हो चुका है। रजत जणित दीवारों के बीच स्थापित माता की स्वर्णमई प्रतिमा के अलावा कनाडा से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची मां की दुर्लभ प्रतिमा भी विराजमान है। न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो नागेंद्र पाण्डे और न्यास के अन्य सदस्यों द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार इन प्रतिमाओं के दर्शन के लिए इस बार मंदिर प्रशासन ने व्यवस्था की है। धनतेरस से लेकर अन्नकूट तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में दर्शन करने आने वाले सभी दर्शनार्थियों को खजाना स्वरूप सिक्का और लावा का वितरण होगा। मान्यता यह है की अन्नपूर्णा दरबार से आर्शीवाद स्वरूप मिले इस खजाना से घर परिवार में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती है। इसी श्रद्धा भाव को देखते हुए श्रद्धालु माता अन्नपूर्णा के दर्शन करने काशी पहुंचते हैं। देश-विदेश से आने वाले सभी दर्शनार्थियों के लिए मंदिर में उचित दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए बैरिकेडिंग और प्रवेश निकास की व्यवस्था भी अलग से की गई है। इस दौरान किसी प्रकार की दर्शनार्थियों को परेशानी न हो इसके लिए पुलिस और मंदिर प्रशासन की ओर से कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है।

Related Articles

Back to top button