कांवड़ यात्रा 2025: CM Yogi के नए आदेश ! लागू किए सख्त नियम, दुकानदार ही नहीं, कावड़ियों के लिए भी चेतावनी..

कांवड़ यात्रा को आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है, लेकिन लाखों श्रद्धालुओं की इस यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होती है। आगामी कांवड़ यात्रा 2025 को सकुशल संपन्न कराने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार में अंतरराज्यीय समन्वय समिति की हाई लेवल बैठक आयोजित की गई। बैठक में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

हथियारों पर सख्ती और DJ नियमों में बदलाव

मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने स्पष्ट रूप से कहा कि यात्रा को सुगम, सरल और सुरक्षित बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को सजग और सुसंगठित रहना होगा। उन्होंने अपील की कि कांवड़िए बेसबॉल बैट, त्रिशूल जैसे हथियार साथ न लाएं। साथ ही DJ की ऊंचाई 10 फीट से अधिक न हो और DJ प्रतियोगिताएं प्रतिबंधित रहेंगी। यात्रा के दौरान आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन और CCTV के उपयोग पर भी जोर दिया गया।

रियल-टाइम सूचना और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग

उत्तराखंड के DGP दीपम सेठ ने कहा कि कांवड़ मेला हर वर्ष नई चुनौतियां लेकर आता है। उन्होंने रियल-टाइम सूचना साझा करने और अफवाहों के तत्काल खंडन की आवश्यकता पर बल दिया। DGP ने बताया कि डीजे संचालकों की सूची तैयार की जा रही है और पुराने नियमों का सख्ती से पालन होगा। उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि इंटरस्टेट समन्वय के लिए केवल प्रशिक्षित और कुशल कर्मचारी ही नियुक्त किए जाएं।

यातायात प्रबंधन और रूट डायवर्जन की रूपरेखा

हरिद्वार के SSP प्रमेन्द्र सिंह डोभाल और DM मयूर दीक्षित ने यातायात प्रबंधन को लेकर पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिया। 14 जुलाई को पहला सोमवार होने के चलते, 11 जुलाई सुबह 8 बजे से नेशनल हाईवे पर वाहनों का डायवर्जन किया जाएगा। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच रियल-टाइम ट्रैफिक और पार्किंग डाटा साझा किया जाएगा। भेल पार्किंग का भी आवश्यकता पड़ने पर उपयोग होगा।

सामाजिक समन्वय और सोशल मीडिया पर निगाहें

उत्तर प्रदेश के DIG अभिषेक सिंह ने यूपी की तैयारी का विवरण साझा किया। सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए सख्त निगरानी और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई का निर्णय लिया गया। उत्तराखंड और यूपी के अधिकारी एक-दूसरे के राज्यों में तैनात रहेंगे ताकि सूचना का आदान-प्रदान त्वरित रूप से हो सके। SDRF, NDRF, जल पुलिस और 60 आपदा मित्र गंगा घाटों पर तैनात किए जाएंगे। कांवड़ियों को टोल-फ्री नंबर 112, 1070 और 1077 की जानकारी भी दी जाएगी।

सुरक्षा और सुविधाओं के लिए व्यापक इंतजाम

समन्वय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ढाबों और होटलों में रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा की जाएगी। साथ ही शराब और मांस से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। वन्यजीवों से सुरक्षा के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष इंतजाम होंगे। ड्रोन के माध्यम से भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और घाटों की निगरानी की जाएगी। यह भी कहा गया कि इस यात्रा के अनुभवों का उपयोग आगामी कुंभ मेले की तैयारियों में किया जाएगा।

उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी और उनका योगदान

बैठक में उत्तर प्रदेश से ADG भानु भास्कर, सचिव गृह मोहित गुप्ता, मेरठ कमिश्नर ऋषिकेश भास्कर यशोद, बरेली कमिश्नर सौम्य अग्रवाल, DIG सहारनपुर अभिषेक सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। उत्तराखंड से ADG, मंडलायुक्त विनय शंकर पाण्डे, IG गढ़वाल राजीव स्वरूप और SSP देहरादून अजय सिंह सहित कई प्रमुख अधिकारियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए और यात्रा को सफल बनाने की प्रतिबद्धता जताई।

 

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