UP: “हम 11 सिपाही हैं, 500-500 से कम नहीं लेंगे”, व्यापारी से हाइवे पर लूट.. आँख फोड़ी, 11 के 11 कांस्टेबल हुए ससपेंड!

कानपुर में एक बार फिर यूपी पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। अलीगढ़ के एक पशु व्यापारी से खुलेआम लूट और मारपीट करने वाले 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। यह घटना बर्रा हाईवे पर हुई, जहां पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) में तैनात सिपाहियों ने व्यापारी से ₹500-₹500 की मांग की। पैसे न देने पर न केवल उसे पीटा गया, बल्कि ₹10,000 की नकदी भी लूट ली गई।
तीन पीआरवी गाड़ियों ने ओवरटेक कर रोकी व्यापारी की गाड़ी
पीड़ित मोहम्मद उजैर, जो अलीगढ़ निवासी हैं, शनिवार को सरसौल से मवेशी खरीदकर रामादेवी-भौंती हाईवे के रास्ते जा रहे थे। तभी बर्रा कट फ्लाईओवर पर चकेरी थाना की पीआरवी-7058 ने उनकी पिकअप को रोका। कुछ ही देर में हनुमंत विहार थाने की दो अन्य पीआरवी (6504 और 7055) भी पहुंच गईं। सिपाहियों ने गाड़ी छोड़ने के बदले ₹500-₹500 की मांग की और इनकार करने पर व्यापारी और ड्राइवर लक्ष्मण को गाड़ी से बाहर खींच लिया।
आंख में डंडा मारा, फिर गाड़ी से ₹10,000 लूटे
व्यापारी के अनुसार, सिपाहियों ने पहले गाली-गलौज की और फिर डंडे और लात-घूसों से जमकर पीटा। ड्राइवर की आंख पर डंडा मारा गया और गाड़ी में रखी ₹10,000 की नकदी लूट ली गई। इसके बाद बर्रा पुलिस ने व्यापारी की पिकअप जब्त कर ली और उल्टा पशु क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट भी दर्ज कर दी।
पीड़ित ने वीडियो बनाकर वायरल किया, पुलिस कमिश्नर ने लिया संज्ञान
पशु व्यापारी ने घटना के तुरंत बाद एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसमें उसने पुलिसकर्मियों पर मारपीट और लूट के आरोप लगाए। वीडियो सामने आने के बाद कानपुर पुलिस कमिश्नर ने तत्काल संज्ञान लिया और डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने जांच के आदेश दिए।
जांच में लोकेशन और आरोप सही पाए गए
एडीसीपी साउथ योगेश कुमार और डॉयल-112 प्रभारी द्वारा की गई जांच में पाया गया कि तीनों पीआरवी बिना किसी घटना की सूचना के अपने-अपने थानों से बाहर थीं। पीआरवी की लोकेशन भी घटनास्थल के पास ही मिली, जिससे साफ हुआ कि वे बिना कारण हाईवे पर तैनात थीं।
दोषी पुलिसकर्मियों की सूची:
पीआरवी-7058 (चकेरी): अतुल सचान, ऋषिराजन, हरिओम सिंह, रिंकी रानी
पीआरवी-7055 (हनुमंत विहार): अजय यादव, आनंद कुमार, उमाशंकर दीक्षित
पीआरवी-6504 (हनुमंत विहार): प्रदीप कुमार, अमीर हसन, सोनू यादव, आराधना
“हम 11 लोग हैं, 500-500 से कम नहीं लेंगे” – पुलिसकर्मी
मो. उजैर ने बताया कि पहले भी वह जब पशु खरीदने आते थे तो चलते वाहन से ₹200 फेंक देते थे, जिसे पुलिसकर्मी उठा लेते थे। लेकिन इस बार पुलिस वालों ने कहा – “बहुत पीछा किया है, 11 लोग हैं, ₹500-500 से कम नहीं लेंगे।”
सस्पेंशन के बाद आगे की जांच जारी
डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि सभी दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और विभागीय जांच जारी है। साथ ही, पशु व्यापारी की शिकायत पर उसका मेडिकल कराया गया और मारपीट के सभी आरोपों की जांच हो रही है।
भ्रष्टाचार की हदें पार, पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल
एक ओर जहां पुलिस जनता की सुरक्षा की जिम्मेदार होती है, वहीं ऐसे मामलों से पूरी व्यवस्था पर सवाल उठने लगते हैं। इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि वर्दी के पीछे छिपे कुछ लोग कानून के रक्षक से भक्षक बन चुके हैं।