ज्योतिरादित्य सिंधिया और केपी यादव में तल्खी है बरकरार

नई दिल्ली। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा सांसद केपी यादव के बीच तल्खी बरकरार है। भले ही सिंधिया भाजपा के मंच पर खड़े हैं लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में केपी यादव से मिली हार को आज तक पचा नहीं पाए हैं।

केपी यादव जो कि कभी कांग्रेस के कार्यकर्ता हुआ करते थे उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर सिंधिया को हराया था। गुना लोकसभा सीट जिसे सिंधिया परिवार अजेय मानती थी इस हार से यह परिवार काफी आहत हुआ। बाद में सिंधिया खुद भाजपा में शामिल हो गए लेकिन केपी यादव के साथ रिश्ते सहज नहीं हो सके। हाल ही में प्रदेश में हुए उपचुनाव हो या फिर कोई कार्यक्रम मंच साझा करने के बावजूद कोई दुआ सलाम नहीं होती है। माना जा रहा है कि इस तल्खी का असर आगे भी रहने वाला है क्योंकि सिंधिया अपनी हार के लिए यादव को ही जिम्मेवार ठहराते हैं। जबकि यादव भाजपा के टिकट पर उम्मीदवार थे और सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर। लेकिन सिंधिया परिवार के गढ़ वाली सीट पर मिली हार को आज तक सिंधिया पचा नहीं पा रहे हैं।

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