पहली पोस्टिंग पर महिला SI से ASI ने की छेड़छाड़ की हदें पार.. SP ने लिया ऐसा एक्शन, दरोगा जी को रहेगा याद !

बिहार के जहानाबाद जिले में एक प्रशिक्षु दलित महिला सब-इंस्पेक्टर के साथ कथित छेड़छाड़ के गंभीर मामले ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहली पोस्टिंग पर आई इस महिला अधिकारी के साथ छेड़छाड़ का आरोप जिले के एएसआई (सहायक उप निरीक्षक) मानस पांडे पर लगा है। मामले में नया मोड़ तब आया जब जिले के नए एसपी विनीत कुमार ने चार्ज संभालते ही त्वरित कार्रवाई की और आरोपी एएसआई को सस्पेंड कर दिया।

एसपी की त्वरित कार्रवाई

एसपी विनीत कुमार ने न सिर्फ एएसआई मानस पांडे को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया, बल्कि मामले में एफआईआर दर्ज करने का भी आदेश दिया है। इसके अलावा, उन्होंने आरोपी को जिला मुख्यालय से बाहर रखने के लिए मगध रेंज के पुलिस महानिरीक्षक से अनुरोध किया है। एसपी की इस कार्रवाई से पीड़िता को न्याय की उम्मीद जगी है।

घटना की शुरुआत

प्रशिक्षु महिला सब इंस्पेक्टर ने 24 जून को जहानाबाद के महिला थाने में यह शिकायत दर्ज कराई थी। यह घटना 9 मार्च की है, जब पीड़िता ने तत्कालीन एसपी से भी इसकी शिकायत की थी। हालांकि, उस समय जांच को गंभीरता से नहीं लिया गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन नए एसपी के कार्यभार संभालने के बाद जब पीड़िता ने फिर से अपनी आपबीती सुनाई, तब जाकर मामले में कार्रवाई शुरू हुई।

पीड़िता का आरोप

महिला एसआई ने अपनी शिकायत में बताया कि 9 मार्च को वह अपने बैरक में थीं। उसी परिसर में रह रहे एएसआई मानस पांडे ने बाथरूम जाते समय उनका रास्ता रोका और छेड़छाड़ की। जब उन्होंने विरोध किया तो आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता का कहना है कि एएसआई ने कहा, “अगर तुमने किसी से कुछ कहा तो तुम्हें गोलियों से छलनी कर दूंगा।” इसके साथ ही धमकी दी कि “अगर मैं सस्पेंड हुआ, तो तुझे जिंदा नहीं छोड़ूंगा।”

डर और हिम्मत के बीच न्याय की लड़ाई

इस भयावह घटना के बाद महिला सब इंस्पेक्टर कई दिनों तक मानसिक तनाव और डर में रहीं। काफी साहस जुटाकर उन्होंने 28 मार्च को तत्कालीन एसपी को लिखित में शिकायत दी थी। इसके बाद एसपी ने आंतरिक शिकायत समिति (ICC) को जांच सौंपी थी, लेकिन जांच की प्रगति धीमी रही। पीड़िता ने अपनी जान-माल की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई थी।

पहली पोस्टिंग में उत्पीड़न

यह मामला इसलिए और भी चिंताजनक है क्योंकि पीड़िता की यह पहली पोस्टिंग थी। पहली ही नियुक्ति में ऐसी भयावह स्थिति का सामना करना किसी भी युवा अधिकारी के मनोबल को तोड़ सकता है, लेकिन इस महिला एसआई ने निडर होकर अपनी लड़ाई लड़ी और सच्चाई सामने लाने की कोशिश की। उनके साहस और एसपी की तत्परता से अब विभागीय और कानूनी प्रक्रिया सक्रिय हो गई है।

वर्तमान स्थिति

फिलहाल आरोपी एएसआई मानस पांडे को पुलिस लाइन में रिपोर्ट करने को कहा गया है और मामले की जांच तेज़ी से चल रही है। यह देखना अहम होगा कि विभागीय जांच कितनी निष्पक्ष और प्रभावी तरीके से आगे बढ़ती है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और पुलिस विभाग में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक सख्त संदेश दिया जा सके।

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