Shocking: अस्पताल से ‘मुरलीवाले हौसला’ की छुट्टी, निकलते ही डसने वाले कोबरा के साथ जो किया.. वो कल्पना से परे!

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है, जिसने सोशल मीडिया से लेकर पूरे समाज को भावुक कर दिया है। पेशे से सांप रेस्क्यू करने वाले मुरलीवाले हौसला को कुछ दिन पहले एक कोबरा सांप ने डस लिया था। गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती होने के बाद अब जब वे ठीक होकर लौटे हैं, तो उन्होंने वही सांप जंगल में जिंदा छोड़ दिया।

‘जान लेने वाला भी मेरी जान है’

मुरलीवाले को जब कोबरा सांप ने डसा, तो उनकी हालत इतनी गंभीर हो गई कि उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इलाज के बाद जैसे ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली, उन्होंने सबसे पहले उस सांप को देखा जिसे पकड़ा गया था। लेकिन नफरत की बजाय उन्होंने उस सांप को जंगल में ले जाकर सुरक्षित छोड़ दिया। मुरलीवाले ने कहा –

“मेरा काम सांपों को बचाना है, और सांप की फितरत डसना। जान का दुश्मन नहीं, वो मेरी जान है।”

संत प्रेमानंद महाराज ने जाना हाल, दी हिम्मत

मुरलीवाले के इस जज़्बे और कर्मठता से प्रभावित होकर संत प्रेमानंद महाराज स्वयं अस्पताल पहुंचे और उनका हालचाल जाना। उन्होंने मुरलीवाले को समाज के लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि –

“जिस दौर में लोग जानवरों से डरते हैं या मार देते हैं, ऐसे में मुरलीवाले का ये कदम समाज में संवेदनशीलता और करुणा का सन्देश देता है।”

8 हजार से ज्यादा सांपों की बचाई जान

मुरलीवाले हौसला का जीवन पूरी तरह सांपों को बचाने और जागरूकता फैलाने को समर्पित रहा है। अब तक वह 8,000 से ज्यादा सांपों को सुरक्षित रेस्क्यू कर चुके हैं, जिनमें कई ज़हरीले सांप भी शामिल हैं। उनका मानना है कि –

“सांप हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का अहम हिस्सा हैं, इन्हें बचाना हमारा धर्म है।”

इंसानियत की नई परिभाषा

जहां अक्सर सांप के नाम से डर फैल जाता है, वहीं जौनपुर के मुरलीवाले ने सिखाया कि प्रकृति से प्रेम और करुणा ही सच्चा जीवन है। उनकी यह कहानी केवल एक समाचार नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और सह-अस्तित्व का एक सशक्त संदेश है।

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