जैश अब तालिबान के सहारे

पाक आतंकी तालिबान का फायदा उठाने की फिराक में, आतंकियों को रास नहीं आ रही जम्मू-कश्मीर में चुनावों में लोगों की भागीदारी

तालिबान के आतंक से पाक के विपक्षी नेता डरे हैं। वे लगातार बैठकें कर रहे हैं।

पाकिस्तानी आतंकी संगठन अफगानिस्तान पर तालिबान की बढ़ती पकड़ का फायदा उठाने की फिराक में हैं। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन भारत को निशाना बनाने के लिए दोबारा आतंकियों की तैनाती करेंगे। एशियाई मामलों की रिपोर्टिंग करने वाले फ्रेंच न्यूज लेटर ‘एशियालिस्ट’ की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यह रिपोर्ट क्षेत्रीय विशेषज्ञ ओलिवीर गिलार्ड ने तैयार की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने के दो साल पूरे होने जा रहे हैं। सरकार जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के लिए काम कर रही है। इस बीच जम्मू-कश्मीर में दो स्थानीय चुनाव हुए हैं। आम लोगों ने चुनाव में बड़ी भागीदारी दिखाई। चुनाव में गंभीर स्तर पर हिंसा के मामले भी सामने नहीं आए। सरकार की पहल सिर्फ प्रशासनिक और चुनावी क्षेत्रों तक सीमित नहीं थी। उसने विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भी शुरू कीं। इससे जम्मू-कश्मीर और केंद्र के बीच अनुकूल वातावरण तैयार हुआ।

अगस्त 2019 के बाद घाटी में हिंसा में कमी भी आई है। पाक आतंकी संगठन शांति की इन कोशिशों को गंभीर रूप से कमजोर करने की कोशिश करेंगे। भारत को आगे कई चुनौतियों का सामना करना होगा। विशेषकर उसे पाकिस्तान से सतर्क रहने की जरूरत है। बता दें, 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा दिया गया था। इससे जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया था। अभी वह केंद्र शासित प्रदेश है। इससे पाक और वहां स्थित आतंकवादी संगठन तिलमिलाए हुए हैं।

पाक सकारात्मक रवैया अपनाए: अमेरिका
अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेद तरार ने कहा- ‘अफगानिस्तान के मामले में पाक सकारात्मक रवैया अपनाए। अफगानिस्तान में गृह युद्ध पाकिस्तान के हित में नहीं है।’ तरार ने यह भी कहा कि तालिबान अफगानी सैन्य शिविरों पर हमला कर रहा है। ऐसे में अमेरिका भी अफगानिस्तान में आतंकी शिविरों पर हमला करेगा।

फायरिंग की चपेट में आया यूएन का दफ्तर, एक की मौत
अफगानिस्तान के हेरात में संयुक्त राष्ट्र का एक कार्यालय गोलीबारी की चपेट में आ गया। इससे वहां एक सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई। क्षेत्र में तालिबान और अफगान बलों के बीच संघर्ष चल रहा है। यूएन संघ ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए बयान जारी किया है। सयुक्त राष्ट्र संघ महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा- ‘यूएन कर्मियों और परिसरों के खिलाफ हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं।’

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