स्वामी रामभद्राचार्य से मिलने पहुंचे आर्मी चीफ, गुरु दक्षिणा में उन्होंने मांग लिया POK.. कही ये बड़ी बात

बुधवार को उत्तर प्रदेश के धार्मिक नगरी चित्रकूट में एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपनी धर्मपत्नी सुनीता द्विवेदी के साथ जगद्गुरु रामभद्राचार्य से गुरु दीक्षा ली। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि भारत की आत्मा, संस्कृति और राष्ट्रीय अखंडता को समर्पित एक प्रेरणादायक संवाद भी रहा।
गुरु दक्षिणा में मांगा POK, सेना प्रमुख ने मुस्कराकर कहा – “निश्चित रूप से”
दीक्षा के समय जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने जनरल द्विवेदी से स्पष्ट कहा – “तुम शस्त्र से लड़ो, मैं शास्त्र से। गुरु दक्षिणा में मुझे पाक अधिकृत कश्मीर (POK) चाहिए।”
इस पर सेना प्रमुख ने मुस्कुराते हुए कहा – “निश्चित रूप से आपको आपकी गुरु दक्षिणा मिलेगी।” यह संवाद केवल आध्यात्मिक नहीं बल्कि राष्ट्रवादी संदेश से भी परिपूर्ण था।
रामभद्राचार्य का संदेश – आतंकवाद के अड्डों को नेस्तनाबूद कर भारत का ध्वज फहराना होगा
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने स्पष्ट कहा – “अब समय आ गया है जब आतंक के अड्डों को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर भारत माता का ध्वज POK में लहराया जाए।”
उन्होंने इसे धर्म और राष्ट्र की रक्षा का युद्ध बताया। उन्होंने कहा – “यह केवल सीमाओं की लड़ाई नहीं है, यह भारत की आत्मा और उसकी अखंडता की रक्षा का संग्राम है।”
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना प्रमुख की प्रतिक्रिया
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी इस मौके पर कहा – “ऑपरेशन सिंदूर को पूरे देश से भरपूर समर्थन मिला, जिससे भारतीय सेना का मनोबल कई गुना बढ़ा है। यह अभियान पूरी तरह सफल रहा।”
उनके इन शब्दों से यह स्पष्ट हो गया कि सेना देश की जनता के साथ मिलकर हर रणनीतिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है।
सेना प्रमुख ने गुरु को भेंट किया स्मृति चिन्ह
सेना प्रमुख ने भारतीय सेना की ओर से जगद्गुरु रामभद्राचार्य को एक विशेष स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। बताया जा रहा है कि जनरल द्विवेदी ने चित्रकूट धाम में करीब 5 घंटे तक समय बिताया। इस दौरान उन्होंने आध्यात्मिक चर्चा, आश्रम के दिव्यांग बच्चों से मुलाकात और अन्य संतों के साथ संवाद भी किया।
रामभद्राचार्य बोले – विजयी सेनापति को गुरुमंत्र देना मेरे लिए गौरव
गुरु रामभद्राचार्य ने मीडिया से बातचीत में कहा – “उन्हें वही मंत्र की दीक्षा दी जो सीता जी ने हनुमान जी को लंका विजय के लिए दिया था। विजयी सेना प्रमुख को गुरुमंत्र देने में मुझे भी गौरव की अनुभूति हुई।”
उन्होंने पाकिस्तान पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा – “पाक को क्या संदेश देना। कुत्ते की पूंछ सीधी हो सकती है क्या? अगर उसने फिर हमला किया तो वह विश्व मानचित्र से ही साफ हो जाएगा।”
झांसी बबीना आर्मी कैंट में अफसरों से मिले सेना प्रमुख
चित्रकूट यात्रा के बाद सेना प्रमुख झांसी के बबीना आर्मी कैंट पहुंचे। यहां उन्होंने अफसरों और जवानों के साथ गहन बातचीत की और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को मेडल प्रदान किए।
सेना प्रमुख ने टैंक पर चढ़कर जवानों के साथ फोटो भी खिंचवाई।
स्वदेशी तकनीक से बने ड्रोन ने दिखाए करतब
इस दौरान सेना प्रमुख के समक्ष स्वदेशी तकनीक से तैयार USS और लॉइटरिंग म्यूनिशन प्रणाली से विकसित ड्रोन ने लाइव प्रदर्शन किया। यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण संकेत है।
कौन हैं जगद्गुरु रामभद्राचार्य?
चित्रकूट में रहने वाले जगद्गुरु रामभद्राचार्य, जिनका वास्तविक नाम गिरधर मिश्रा है, भारत के प्रख्यात दार्शनिक, प्रवचनकार और संत हैं। वे रामानंद संप्रदाय के चार मौजूदा जगद्गुरुओं में से एक हैं और इस पद पर 1988 से आसीन हैं।
वे जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के संस्थापक और आजीवन कुलाधिपति भी हैं। भारत सरकार ने 2015 में इन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। उन्हें तुलसीदास के सर्वश्रेष्ठ जानकारों में गिना जाता है।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी – एक परिचय
जनरल उपेंद्र द्विवेदी को आर्मी चीफ बनाते समय सरकार ने वरिष्ठता नीति का पालन किया। उनके बाद लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह सबसे वरिष्ठ अफसर हैं।
जनरल द्विवेदी 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। वे टेक्नोलॉजी, बिग डेटा, AI, क्वांटम और ब्लॉकचेन समाधानों को लेकर बेहद सक्रिय रहे हैं।
वे सोमालिया UN मिशन (UNOSOM II) और सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार के रूप में विदेशों में भी सेवा दे चुके हैं।
उनके पास डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में MPhil और मिलिट्री साइंस में दो मास्टर डिग्रियां हैं।
उन्हें USAWC, कार्लिस्ले, USA में विशिष्ट फेलो से भी सम्मानित किया गया है।