भारत निभाएगा ग्लोबल सप्लाई चैन में प्रमुख भूमिका

भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि देश अगले दस सालों में ग्लोबल सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की राह पर है |

टेक डेस्क, नई दिल्ली केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत अगले दस सालों में ग्लोबल सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए लोकल चिप मैन्युफैक्चरिंग को 10 अरब डॉलर का प्रोत्साहन और सहायता मिलेगा।

वेदांता और फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों ने देश में सेमीकंडक्टर उत्पादन को प्रोत्साहन देने वाली योजना को देखा। साथ ही, उन्होंने अरबों डॉलर का निवेश करने का भी वादा किया था। मोबाइल फोन, कार और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सेमीकंडक्टर का उपयोग किया जाता है। गुरुवार को भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि

“सेमीकंडक्टर ग्लोबल इकोसिस्टम में एक भी व्यक्ति नहीं है, जो भारत को “सेमीकंडक्टर इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन के लिए विश्वसनीय, व्यवहार्य और फास्ट चार्जिंग डेस्टिनेशन” नहीं मानता है।

उन्हें यह भी बताया कि 25 से 30 वर्षों में चीन ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में कितनी प्रगति की है। भारत अगले दस सालों में 10 बिलियन अमरीकी डालर (लगभग 81,993 करोड़ रुपये) करने का लक्ष्य रखता है।

नौकरी के अवसर मिलेंगे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि माइक्रोन के साथ एटीएमपी परियोजना सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में 5,000 प्रत्यक्ष और 15,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करेगी। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि माइक्रोन मेमोरी चिपसेट दुनिया भर में प्रमुख है।

सेमीकंडक्टर पर भारत की कहानी, राजीव चंद्रशेखर ने कहा..।भारत को 70 वर्षों के बाद सेमीकॉन राष्ट्र बनाने की योजना कुछ महीने पहले ही शुरू हुई है। उनका कहना था कि सरकार भी 30 स्टार्टअप के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने पर काम कर रही है।

उनका कहना था कि सरकार का लक्ष्य 2025 से 26 तक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को 300 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है। इसके अलावा, 2029 तक सेमीकंडक्टर के लिए 110 बिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा गया है।

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