भारत ने छोड़ा 28,000 क्यूसेक पानी, खोल दिए इस डैम के गेट.. वीडियो में देखें कैसे डूबेगा अब पूरा पाकिस्तान

नई दिल्ली/इस्लामाबाद – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। इस हमले का जवाब भारत ने पहले एयर स्ट्राइक से दिया और अब पानी के जरिए पाकिस्तान को चेतावनी दी है। भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को सस्पेंड करते हुए चिनाब नदी का पानी पाकिस्तान की ओर छोड़ दिया, जिससे पड़ोसी देश के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
चिनाब नदी पर वॉटर स्ट्राइक: भारत ने छोड़ा बाढ़ का पानी
भारत ने जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में स्थित बगलिहार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के दो गेट खोल दिए हैं, जिससे तेज़ गति से पानी छोड़ा गया। इसका सीधा असर पाकिस्तान के सियालकोट, गुजरात और हेड कादिराबाद जैसे इलाकों में देखा गया, जहां जलस्तर तेजी से बढ़ा और लोगों में दहशत फैल गई।
वीडियो फुटेज में पानी का जबरदस्त बहाव दिख रहा है, जो इन इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर रहा है। बताया जा रहा है कि पानी का यह बहाव आम दिनों की तुलना में कई गुना अधिक है।
28,000 क्यूसेक पानी छोड़ने से बढ़ा जलस्तर
भारत ने इससे पहले बुधवार को भी चिनाब नदी से 28,000 क्यूसेक पानी छोड़ा था। उस समय ही बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया था। लेकिन गुरुवार को एक बार फिर जब अधिक मात्रा में पानी छोड़ा गया, तो पाकिस्तान के कई शहरों में हालात बेकाबू हो गए।
सियालकोट, गुजरात और हेड कादिराबाद में जलस्तर अचानक बढ़ गया है। इन इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं, लेकिन पाकिस्तानी प्रशासन इससे पूरी तरह अचंभित और घबराया हुआ नजर आ रहा है।
खेती पर असर
चिनाब नदी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फैसलाबाद और हाफिजाबाद जैसे शहरों की जलापूर्ति और सिंचाई का मुख्य स्रोत है। इन इलाकों के 80 प्रतिशत लोग इसी पानी पर निर्भर हैं। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान में खरीफ फसल की बुवाई भी प्रभावित हो रही है, जिससे वहां के किसानों में चिंता का माहौल है।
कूटनीतिक संदेश या रणनीतिक कदम?
भारत का यह कदम केवल रणनीतिक दबाव नहीं बल्कि कूटनीतिक संकेत भी है कि आतंकवाद के खिलाफ अब केवल बातचीत नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की जाएगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि सिंधु जल समझौते को निलंबित करना कोई सामान्य निर्णय नहीं है, यह पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी कटघरे में खड़ा करता है।
पानी से भी जवाब देगा भारत
जहां एक ओर पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने में असफल रहा है, वहीं भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हर मोर्चे पर जवाब दिया जाएगा — चाहे वह सीमाओं पर हो या कूटनीतिक स्तर पर। वॉटर स्ट्राइक से यह भी सिद्ध होता है कि भारत अपनी प्राकृतिक संसाधनों की शक्ति का प्रयोग पूरी तरह से कर सकता है, जब देश की सुरक्षा और सम्मान दांव पर हो।