अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रुकवाई जंग ? क्या भारत और पाकिस्तान सीजफायर को तैयार ?

भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह न सिर्फ युद्धक्षेत्र में ताकतवर है, बल्कि कूटनीति के मैदान में भी विश्वगुरु बनने की राह पर है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण युद्धविराम (Ceasefire) पर सहमत हो गए हैं। इस फैसले को भारत की रणनीतिक और कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है, जबकि पाकिस्तान इस दबाव के आगे झुक गया है।
पाकिस्तान के उप PM ने मानी हार
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार का बयान इस बात का साफ संकेत है कि भारत के कड़े रुख और अंतरराष्ट्रीय समर्थन से पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया है। इशाक डार ने कहा, “भारत ने हमला नहीं किया तो हम भी नहीं करेंगे।” यानी पाकिस्तान खुलकर मान रहा है कि वह जवाबी कार्रवाई की स्थिति में नहीं है।
ट्रंप ने माना- भारत-पाक युद्धविराम को तैयार
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से सीधे संवाद कर यह सुनिश्चित किया कि तनाव न बढ़े। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने खुद एलान किया कि भारत और पाकिस्तान अब पूरी तरह युद्धविराम के लिए तैयार हैं।
चीन की अपील के बावजूद भारत ने निभाई निर्णायक भूमिका
G7 देशों और चीन ने भले ही दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की, लेकिन भारत ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह युद्ध नहीं चाहता, परंतु अपनी सीमाओं की रक्षा में कोई समझौता नहीं करेगा। पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश मिला और उसने झुकने में ही भलाई समझी।
पाकिस्तान की ‘सिर्फ बोलने’ वाली नीति बेनकाब
जहां भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयम और शक्ति दोनों का परिचय दिया, वहीं पाकिस्तान का दोहरा रवैया एक बार फिर उजागर हो गया। भारत ने न केवल सैन्य स्तर पर तैयारियां कीं, बल्कि वैश्विक मंचों पर भी अपने पक्ष को मजबूती से रखा, जिसका नतीजा यह सीजफायर है।
पाकिस्तान झुका, भारत जीता
इस युद्धविराम को केवल एक ‘सीजफायर’ न मानें, यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। पाकिस्तान की ओर से आई मंशा में डर झलकता है, और यह दुनिया को यह संदेश भी देता है कि भारत अब सिर्फ सहने वाला नहीं, जवाब देने वाला राष्ट्र बन चुका है।