देश में पहली बार मोबाइल से हुई वोटिंग, 6 नगर पालिका चुनाव में रिकॉर्ड मतदान.. चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने

भारत के चुनाव इतिहास में 28 जून 2025 को एक नया अध्याय जुड़ गया, जब पहली बार मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए आम नागरिकों ने वोटिंग की। यह पहल बिहार में छह नगर पालिकाओं में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई, जिसका उद्देश्य मतदान प्रक्रिया को और अधिक सुलभ बनाना है, विशेषकर उन मतदाताओं के लिए जो बूथ तक पहुंचने में सक्षम नहीं हैं।

कैसे हुई ई-वोटिंग की शुरुआत

बिहार के 26 जिलों की 42 नगर पालिकाओं में उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें से 6 नगर पालिकाओं में ई-वोटिंग का प्रयोग किया गया। इसके लिए दो मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किए गए, जिनके माध्यम से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, ई-वोटिंग के लिए 50,000 से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया।

देश की पहली महिला ई-वोटर बनीं मोतिहारी की विभा

ई-वोटिंग की प्रक्रिया 28 जून को सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक चली। इस दौरान मोतिहारी की विभा ने सबसे पहले मोबाइल ऐप के माध्यम से वोट डालकर देश की पहली ई-वोटर बनने का गौरव प्राप्त किया। यह उपलब्धि डिजिटल लोकतंत्र की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है।

प्रवासी बिहारियों ने भी लिया हिस्सा

इस तकनीक की सबसे बड़ी सफलता रही विदेश में बसे बिहारियों की भागीदारी। दुबई, कतर जैसे देशों में रह रहे प्रवासी बिहारियों ने भी इस ऐप के माध्यम से मतदान किया। इससे साफ है कि तकनीक की मदद से सीमाएं अब लोकतंत्र के रास्ते में बाधा नहीं बन रहीं।

ई-वोटिंग में 80% से ज्यादा मतदान, पारंपरिक मतदान से आगे

दोपहर 1 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार ई-वोटिंग में 80% से अधिक लोगों ने भाग लिया, जबकि पारंपरिक मतदान में 35% लोगों ने बूथ पर जाकर वोट डाला। यह दिखाता है कि मोबाइल से वोटिंग लोगों के लिए अधिक सुविधाजनक साबित हो रही है।

किन सीटों पर हुआ मतदान

इस उपचुनाव में 6 नगर निकाय की कुल 136 सीटों पर मतदान हुआ। इनमें से 3 नगर निकायों — नौबतपुर, बिक्रम और खुसरुपुर — का कार्यकाल समाप्त होने के बाद चुनाव कराए जा रहे हैं, जबकि शेष क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहे हैं।

  • नौबतपुर: 17 पदों के लिए वोटिंग, जिसमें 15 वार्ड पार्षद, एक मुख्य पार्षद और एक उपमुख्य पार्षद का चुनाव हुआ।
  • बिक्रम: 16 सीटों के लिए मतदान, जिसमें 14 वार्ड पार्षद और दो शीर्ष पद।
  • खुसरुपुर: 10 वार्डों के लिए चुनाव हुआ।

चुनाव आयोग की सराहनीय पहल

भारत निर्वाचन आयोग की यह पहल तकनीकी समावेशन और लोकतांत्रिक भागीदारी की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे भविष्य में उन मतदाताओं को लाभ मिलेगा जो स्वास्थ्य, दूरी या अन्य कारणों से बूथ तक नहीं पहुंच पाते।

लोकतंत्र का डिजिटल युग शुरू

बिहार की यह ई-वोटिंग पहल न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए मिसाल बन सकती है। अगर यह प्रयोग सफल रहता है, तो आने वाले समय में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी इसका विस्तार संभव है।

 

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