गोंडा में सहायता समूह संस्थाओं की महिलाएं 10 रुपये में बना रही हैं मास्क, सरकार की तरफ से 6 हजार मास्क बनाने का मिला ऑर्डर

कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से यूपी सरकार ने हर एक व्यक्ति को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन लॉक डाउन में मास्क औऱ सैनेटाइजर की ज्यादा मांग की वजह से मेडिकल स्टोर से सैनेटाइजर और मास्क गायब हो गए हैं। सभी दुकानदार मास्क और सिनेटाइज़र ग्राहकों को देने से मना कर रहे हैं। वहीं गोंडा के मनकापुर क्षेत्र में खुद सहायता समूह संस्थाओं के जरिए महिलाएं इकट्ठा होकर मास्क बनाकर 10 रुपये में सरकार को दे रही है। जिला प्रशासन के नेतृत्व में अब स्वयं सहायता समूह की 15 महिलाएं सामने आई है। जो मास्क बनाने का काम कर रही हैं।  यह मास्क 10 रुपये के हिसाब से बांटा जा रहा है। जिला प्रशासन ने स्वयं सहायता समूह को 6000 मास्क बनाने का ऑर्डर दिया है और जिले में 3 ब्लॉक को में यह काम दिया गया है।

स्वयं सहायता समूह की सदस्य अनीता देवी का कहना है कि हम लोगों को मास्क बनाने से रोजगार मिल गया है। हम लोगों के जो साथ में रहने वाली महिलाएं हैं वो भी मास्क बनाने का काम कर रही हैं।  165 मास्क प्रधान को दिए है। जो सफाई कर्मियों में बाटेंगे और 6 हज़ार मास्क बनाने का ऑर्डर मिला था। हम 14 – 15 महिलाएं अपने अपने घरों में मार्क्स बनाने का काम कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान सभी को अपने-अपने घरों में काम करने के लिए कहा गया है।

इस पर सीडीओ गोंडा डॉ शशांक त्रिपाठी का कहना है कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण के चलते जिले में मास्क और सैनिटाइजर एकदम से गायब हो गए हैं। भारी मात्रा में लोगों ने खरीदा था। लोगों को यह खरीदना जरूरी भी था। इसके लिए इसका समाधान निकालते हुए स्वयं सहायता समूह को एक्टिव किया गया और इनको ट्रेनिंग दिलाते हुए मास्क बनवाने का काम करवाया जा रहा है। जो सरकारी कर्मचारी, सफाईकर्मी ऐसे कर्मचारी हैं जो गांव में जाते हैं उनके लिए मास्क सिलाई करवा कर दिया जा रहा है। जिले में 3 ब्लॉक चिन्हित हैं जिनमें छपिया, मनकापुर में दो – तीन दिन के अंदर 500 मास्क बन गए हैं। प्रत्येक दिन 500 मास्क बनाने का टारगेट चल रहा है। इसीलिए सरकारी कर्मचारी और जरूरतमंदों को मास्क बनवा कर देने का काम जिला प्रशासन कर रही है।

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