यदि आप हैं हृदय रोगी, तो इन बातों का ध्यान रखना है आपके लिए जरूरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार-लगभग 17.9 मिलियन लोगों की किसी ना किसी प्रकार के हृदय रोग के कारण मौत होती है। युवा पीढ़ी द्वारा गतिहीन जीवन शैली अपनाने, खराब खान-पान और बढ़ते तनाव के कारण यह समस्या अब इन्हें भी प्रभावित कर रही है।

 

नई दिल्ली। जीवन-शैली में आते बदलाव के साथ, हृदय की समस्याएं अब दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बढ़ती चिंता का विषय हैं। जिन लोगों की जांच या उपचार किया गया है या जिन्होंने हाल ही में हृदय की किसी समस्या का अनुभव किया है, उन्हें अपनी जिंदगी में बड़े बदलाव करने होंगे। जिन लोगों को दिल का दौरा या हृदयाघात पड़ा है, उनके परिवार के सदस्यों को देखभाल के लिए बहुत-सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर एक गंभीर हृदय रोगी की देखभाल की जानी चाहिएः

आहारः हृदय रोगी के आहार की बड़ी जिम्मेदारी से निगरानी की जानी चाहिए और रोगी की वर्तमान स्थिति के अनुसार उसे आहार देना चाहिए। रोगी को कोई भी प्रोसेस्ड, सैचुरेटेड फैट वाला या तला हुआ आहार नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि यह सीधे आर्टरीज़ में प्लाक जमा देता है, जिससे हृदयाघात पड़ सकता है। इसके अलावा इसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां और मेवे मिलाने की सलाह भी है। खास बात कि साल्टेड मीट और अधिक सोडियम वाले भोजन से भी बचना चाहिए।

ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की नियमित निगरानीः स्वास्थ्य विशेषज्ञ द्वारा समय-समय पर ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जाँच कराते रहने से दिल की बीमारी से बचने में मदद मिलती है। यदि किसी को उच्च रक्तचाप है, तब भी कुछ लोगों में इसके शुरुआती लक्षण नजर नहीं आते, जिससे हृदय को नुकसान हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति को हाईपरटेंशन या मधुमेह है, तो उन्हें नियमित रूप से अपनी दवाई लेनी चाहिए।

वजन प्रबंधनः ओवरवेट या मोटापे से पीड़ित लोगों का बॉडी मास इंडैक्स (बीएमआई) 25 या उससे ज्यादा होता है। ध्यान रहे कि पेट की चर्बी बढ़ना मोटापे का संकेत है, और यह हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है। यदि कोई रोगी अधिक वजन का है, तो औसत वजन कम करने के लिए उसे अपने दैनिक आहार से कैलोरी कम करनी चाहिए।

शारीरिक व्यायामः हृदय रोगों से बचाव के लिए यह भी सलाह दी जाती है कि कोई न कोई व्यायाम करते रहें। व्यायाम न करने वाले लोग धीरे-धीरे थोड़े व्यायाम से शुरुआत कर सकते हैं, जिसकी लंबाई, अवधि और तीव्रता को बढ़ाया जा सकता है। जबकि वयस्कों को प्रत्येक सप्ताह कम से कम 150 मिनट का मध्यम तीव्रता का व्यायाम करना चाहिए, जैसे-तेज चलना, सीढ़ियां चढ़ना, नृत्य करना, बागवानी करना, या घरेलू काम करना जिससे हृदय दर में थोड़ी वृद्धि हो सके। व्यायाम का लाभ यह भी है कि वजन प्रबंधन, कोलेस्ट्रॉल और अन्य रक्त लिपिड स्तर एवं रक्तचाप बेहतर बना रहता है।

धूम्रपान और शराब त्याग देंः तम्बाकू हृदय रोगियों से दूर रखें। तंबाकू का सेवन और दूसरे व्यक्ति के धुएं के संपर्क में आना हृदय रोगियों के लिए हानिकारक है। ऐसे ही शराब के सेवन से भी हृदय का स्वास्थ्य खराब होता है, और इसे भी हृदय रोगियों से दूर रखना चाहिए।

(डॉ. भूपेंद्र सिंह, कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट से बातचीत पर आधारित)

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