कुपोषण के स्तर में सुधार हेतु प्रथम चरण कुपोषण के स्तर का चिन्हाकंन

बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि कुपोषण के स्तर में सुधार हेतु प्रथम चरण कुपोषण के स्तर का चिन्हाकंन है। इस हेतु बच्चे, किशोरी बालिकाओं, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के वृद्धि निगरानी के लिए ग्रोथ मानिटारिंग डिवाईस अति-आवश्यक है। ग्रोथ माॅनिटरिंग डिवाइसेस (इन्फेन्टोमीटर, स्टेडियोमीटर, बेबी वेईग स्केल तथा मदर कम चाइल्ड मशीन) प्रदेश के प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए वजन मशीन का जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय किया गया है। प्रदेश के लिए 1,52,432 शिशु वजन मशीन और 1,64,309 स्टैडियोमीटर जनपदों में आपूर्ति की जा चुकी है। जी.एम.डी. प्रशिक्षण की योजना विकास सहयोगियों के सहयोग प्रशिक्षिण प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा पोषण अभियान 2.0 का शुभारम्भ किया जा रहा है तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों के लिए पोषण टैकर नया ऐप है, जिसके द्वारा केन्द्र व लाभार्थी सम्बन्ध गतिविधियों का डाटा इस ऐप में अंकित किया जायेगा तथा अनुश्रवण प्रत्येक स्तर पर किया जा सकेगे।
राज्य पोषण मिशन की स्टेट लेवल सैंशनिंग कमेटी की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर आई.सी.डी.एस. विभाग के ड्राई टेक होम राशन वितरण के साथ-साथ प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर पोषण उत्सव के दिन प्रदर्शन काउन्टर व पोषण रंगोली द्वारा पोषण सम्बन्धी जन-मानस में पोषण विषयों पर जागरुकता प्रदान की जानी है। वितरण दिवस पर लाभार्थियों की उपस्थिति अच्छी होती है जैसा कि वितरण कार्यक्रम स्वयं सहायता समूह की उपस्थिति में होना है इससे जन-जागरुकता कार्यक्रम अधिक सफल हो सकेगा।
बैठक में बताया गया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण एवं बच्चों के स्कूल पूर्व शिक्षा कार्यक्रम को आकर्षक बनाने के उद्देश्य से आधारभूत संरचना वाराणसी एवं गोरखपुर के 100-100 आंगनबाड़ी केन्द्रों किया जायेगा, जिससे आधुनिक तकनीक तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण एवं बच्चों के स्कूल पूर्व शिक्षा कार्यक्रम को आकर्षक प्रणाली विकसित होगी। जिस पर भारत सरकार के प्रतिनिधि द्वारा भी अनापत्ति प्रदान की है।
राज्य पोषण मिशन की कन्वर्जेन्स कमेटी की समीक्षा के दौरान श्री तिवारी ने निर्देश दिये कि पोषण के सहयोगी विभाग को अपने विभाग से सम्बन्धित पोषण मानकों पर जनपद स्तर पर कार्यवाही किये जाने हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश निर्गत करने के निर्देश प्रदान किये, ताकि क्षेत्र स्तर पर बेहतर समन्वय के परिणाम आ सके।

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