त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कैसे खुद को बनाया डिजिटल इंडिया का ‘ब्रांड एंबेसडर’

ऑनलाइन विकल्प चुनकर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बिना किसी हल्ले के नामांकन भरा

मोदी के डिजिटल इंडिया के ‘ब्रांड एंबेसडर’ बने त्रिवेंद्र

देहरादून: हमेशा ही देखा गया है जब नेता चुनाव कार्यालय में नामांकन भरने जाते हैं, तो शक्ति प्रदर्शन करते हुए इलाके की यातायात व्यवस्था को हिला देते हैं। लेकिन इस बार भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी नेताओं के लिए उदाहरण पेश किया।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज शुक्रवार को बिना किसी शोर शराबे या रोड शो किए बिना चुपचाप भाजपा कार्यालय से ऑनलाइन विकल्प से नामांकन भरकर नज़ीर पेश की है।

वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के नारे पर अमल करते हुए वह इस अभियान के ‘ब्रांड एंबेसडर’ साबित हुए। खास बात ये है कि इस विकल्प को चुनने का त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद ही निर्णय लिया था। रावत का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से डिजिटल क्रांति आ गई है। नामांकन के लिए यह विकल्प उन्होंने डिजिटल इंडिया के निर्णय से प्रभावित होकर चुना है।

पहली बार मिला ऑनलाइन नामांकन का विकल्प

दरअसल, लोकसभा चुनाव में पहली बार भारत निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों को नामांकन के लिए ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध कराया है। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से सिर्फ हरिद्वार और टिहरी में ही यह सुविधा प्रत्याशियों को उपलब्ध कराई गई है।

वैसे तो अभी तक गिने-चुने प्रत्याशियों ने ही नामांकन भरा है और उससे पहले जुलूस-प्रदर्शन, रोड शो के परंपरागत तरीके ही अपनाते नज़र आए हैं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुछ अलग कर दिया। दरअसल देहरादून में अपने निवास पर होल्यारों की एक टोली के साथ होली की खुशियां मनाने के बाद वह सीधे हरिद्वार में जगजीतपुर में बनाए गए लोकसभा चुनाव कार्यालय पहंचे। वहां से उन्होंने अपना ऑनलाइन नामांकन करा दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सीट पर भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर डिजिटल इंडिया के आह्वान का पूरे देश में असर दिखा है। इसने हर क्षेत्र में तमाम तरह की आसानी कर दी है, जिससे समय व धन दोनों की बचत हो रही है। नामांकन कराने के लिए ऑनलाइन विकल्प भी इसी वजह से उन्होंने चुनना बेहतर समझा।

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