ये आसान सिर दर्द नही, माइग्रेन है, समझें, संभलें और बचें

आज के दौर में बच्चों से लेकर बूढ़ो में सिरदर्द की समस्या आम हो गई है। कई बार ये सिरदर्द माइग्रेन की बीमारी बनकर जीना मुश्किल कर देता है। माइग्रेन से होने वाला सिर दर्द असहनीय होता है। मस्तिष्क संबंधी विकार माइग्रेन सिर दर्द के मुख्य कारणों में एक हैं। माइग्रेन से होने वाले दर्द की रोक-थाम के लिए कुछ घरेलू नुस्खे निम्न हैं।

माइग्रेन के लक्षण

ध्वनि, प्रकाश, उल्टियाँ और सिर के केंद्र में होने वाला दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा जी मिचलाना, आंखों और कान के पीछे दर्द होना और लाइट और आवाज के प्रति अधिक संवेदनशीलता भी इसके कुछ लक्षण हैं। माइग्रेन से पीड़ित करीब 20 से 25 प्रतिशत लोग देखने में और सुनने में परेशानी होने की शिकायत भी करते हैं।

कैसे पाएं छुटकारा

  • पुदीने का तेल– इस तेल में एंटी इंफ्लैमटरी गुण होते हैं जो सिर दर्द में आपको राहत दे सकते हैं। इसकी कुछ बूंदे जीभ पर रखने और कुछ अपने सिर पर लगा कर मालिश करने से माइग्रेन से आराम मिलता है।
  • लैवंडर का तेल– 2012 में हुई एक स्‍टडी में यह दावा किया गया कि माइग्रेन के अटैक के समय अगर 15 मिनट के लिए लैवंडर के तेल को सूंघा जाए तो तेजी से लाभ होता है।
  • आराम करें– ध्यान सिर दर्द को दूर करने में काफी कारगर होता है। माइग्रेन के इलाज के लिए ध्यान करना सबसे अच्छा तरीका होगा।
  • बर्फ का पैक– बर्फ के टुकड़े एक पैक में लेकर सिर दर्द की जगह पर रखें। बर्फ में एंटी इंफ्लैमटरी गुण होते है जिससे सिर का दर्द ठीक हो सकता है। आप चाहें तो किसी और ठंडी चीज़ का पैक भी बना सकते है।
  • विटामिन बी का सेवन– मस्तिष्क विकार जो माइग्रेन का मुख्य कारण होता है, अकसर विटामिन बी की कमी से पैदा होते हैं। विटामिन बी युक्त पदार्थों का सेवन करने से सिर दर्द से राहत मिल सकती है। माइग्रेन से बचने के लिए अपने भोजन में विटामिन बी युक्त पदार्थ शामिल करें।
  • फिश ऑइल– वैज्ञानिकों का कहना है कि मछली का तेल ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। इससे भी माइग्रेन की तीव्रता और बारंबारता में कमी आती है।
  • फीवरफ्यू– फीवरफ्यू नामके पौधे की सूखी पत्तियों से माइग्रेन के दर्द में कमी होती है बल्कि उसके अटैक भी कम हो जाते हैं। अधिकतम फायदे के लिए जरूरी है कि इसे कई महीनों तक लगातार लिया जाए।
  • जड़ी बूटियों का उपयोग– कैफीन युक्त पदार्थ जैसे चाय या कॉफ़ी पीने से भी माइग्रेन में राहत मिलती है। सिर दर्द में बाम को प्रयोग में लाएं। सिर पर बाम की हलकी मसाज देने पर रक्त संचार सामान्य हो जाता है तथा माइग्रेन से आराम मिलता है।
  • कमरे में अंधेरा करना– अक्सर तेज़ रोशनी से सिर का दर्द बढ़ जाता है। इस कारण अँधेरे और शांत कमरे में बैठने से भी माइग्रेन ठीक होता है।
  • योग– योग से माइग्रेन में काफी आराम मिल सकता है।

रसोई का खज़ाना

दालचीनी– पानी में दालचीनी मिलाकर अच्छी तरह पीसकर लेप बनाएं। अब इसे 20 से 25 मिनट तक अपने माथे पर लगाकर रखें। इससे आपको दर्द से आराम मिलेगा और आप रिलैक्स महसूस करेंगे। ध्यान रखें कि आपको दालचीनी से एलर्जी ना हो।

नीम्बू– नींबू के छिलके से बना लेप भी इसमें काफी मददगार होता है। नींबू का छिलका घिस लें। अब इसे पीसकर लेप बनाएं और माथे पर लगाएं। अगर आप माइग्रेन के मरीज हैं, तो बेहतर होगा आप नींबू के छिलके का पाउडर बनाकर रख लें और जरूरत पर इस्तेमाल करें।

देसी घी– माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप देसी घी की भी मदद ले सकते हैं। इसके लिए माइग्रेन का दर्द होने पर शुद्ध देसी घी की 2 बूंदे नाक में डालें। इससे आपको दर्द से झटपट राहत मिलेगी।

कपूर– इसके लिए आप कपूर को घी में मिलाकर लेप बनाएं। इसे माथे पर लगाकर हल्के हाथों से कुछ देर तक मालिश करें। इससे आपको दर्द से आराम मिलेगा और नींद भी अच्छी आएगी।

घरेलु मिश्रण– बटर में मिश्री को मिलाकर खाने से माइग्रेन में राहत मिलती है। इसके अलावा, आप चाहे तो 1 चम्मच अदरक का रस और शहद को मिक्स करके भी खा सकते हैं। ये भी इससे राहत दिलाएगा।

कुछ जरूरी टिप्‍स

1. जानकारों का कहना है कि जिन लोगों को माइग्रेन की समस्‍या है उन्‍हें डायरी में कुछ चीजें नोट कर लेनी चाहिए। इन नोट करना चाहिए कि कौन सी चीजें माइग्रेन की वजह बनती हैं, कौन सी दवाएं कारगर हैं, कितना दर्द होता है, क्‍या ये मासिक धर्म के समय होता है, किस जगह दर्द होता है, इसके अलावा क्‍या उल्‍टी और देखने सुनने में दिक्‍कत होती है।

2. खानपान की चीजों पर निगाह रखनी चाहिए।

3. बिना डॉक्‍टरी सलाह के पेनकिलर नहीं लेने चाहिए।

4. नियमित अंतराल पर खाना खाते रहना चाहिए।

5. डॉक्‍टरों के अनुसार जो महिलाएं मासिक धर्म, प्रेग्‍नेंसी या मेनॉपॉज से गुजर रही हैं उन्हें माइग्रेन की समस्‍या ज्‍यादा होती है। इसलिए हॉर्मोन के संतुलन को बनाए रखने के लिए उन्‍हें समय से खाना खाना चाहिए। खाने में प्रोटीन, साबुत अनाज की पर्याप्‍त मात्रा होने के साथ साथ खाने में मीठे की मात्रा कम रखें।

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