बापू का एक सपना जो राजस्थान से साकार हुआ

पं. नेहरू ने महात्मा गांधी की जयंती पर नागौर से रखी थी पंचायती राज की नींव, आज ग्रामीण विकास में यह अहम कड़ी बनी

देश के पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरू.

आज देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा उसके गांवों में बसती है, इसलिए देश में सत्ता का विकेन्द्रीकरण कर ग्राम स्वराज की स्थापना होनी चाहिए। उनका सपना था कि इसके लिए पंचायती राज व्यवस्था लागू होनी चाहिए। बापू की मौत के दो साल बाद ग्राम स्वराज का उनका ये सपना राजस्थान के नागौर से पूरा हुआ।

2 अक्टूबर 1959 को बापू की जयंती पर देश के पहले PM पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नागौर की धरती पर दीप प्रज्ज्वलित कर पंचायतीराज व्यवस्था को लागू किया। इस दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि इससे ग्रामीण विकास को एक अलग पहचान मिलने के साथ ही लोगों के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आएगी। इसके बाद 1993 में 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा देश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ।

नागौर में बच्चों को दुलारते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरू (फाइल फोटो)।

बापू कहते थे कि आजादी की शुरुआत नीचे से होनी चाहिए तभी सच्चे मायनों में देश के प्रत्येक आदमी को उसका हक और अधिकार मिल पाएंगे। इसके चलते विकास को देश के अंतिम कोने तक पहुंचाने की जरूरत है। इसी मकसद से देश में पंचायतीराज व्यवस्था लागू करने के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद ने एक अप्रैल 1958 को बलवंत राय मेहता कमेटी की गांवों में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की सिफारिशों को मंजूरी दी। इसके बाद तत्कालीन राजस्थान सरकार ने इस सपने को साकार करने के लिए देश में सबसे पहले 2 सितंबर 1959 को पंचायतीराज एक्ट बना दिया।

पंचायतीराज व्यवस्था को लागू करने के बाद नागौर में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस वर्कर्स के साथ बैठे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (फाइल फोटो)।

एक महीने बाद नागौर से लागू हुई पंचायतीराज व्यवस्था
इसके एक महीने बाद तत्कालीन PM पंडित जवाहर लाल नेहरू नागौर की धरती पर आयोजित कार्यक्रम में दीप प्रज्वलित कर पंचायतीराज व्यवस्था का विधिवत उद्घाटन किया। इसके साथ ही राजस्थान पंचायतीराज व्यवस्था लागू करने वाला पहला राज्य बन गया था। राजस्थान पंचायत समिति और जिला परिषद एक्ट 1959 के तहत देश में पंचायतों के पहले चुनाव भी सितंबर-अक्टूबर 1959 में हुए थे।

वैद्य नित्यानंद जोशी।

नागौर के वैद्य नित्यानंद जोशी ने सेवादल संगठक के रूप में संभाली थी समारोह की जिम्मेदारी
इस दौरान नागौर से पंचायतीराज व्यवस्था लागू करने के लिए आयोजित हुए भव्य समारोह की व्यवस्था तब नागौर के ही रहने वाले वैद्य नित्यानंद जोशी ने संभाली थी। 91 वर्षीय जोशी बताते है कि तब वो 20 साल के थे और सेवा दल संगठक थे। इस नाते उन्होंने 40 युवाओं की एक टीम बनाकर सेवादल पोशाक में खड़े रहकर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया था। युवा कार्यकर्ता होने के नाते व्यवस्थाओं का जिम्मा भी उनके पास ही था।

लिखमाराम चौधरी देश के सबसे पहले और नागौर के प्रथम जिला प्रमुख बने थे (फाइल फोटो)।

नागौर के लिखमाराम चौधरी बने थे देश के पहले जिला प्रमुख
नागौर में पंचायती राज की स्थापना से 6 दिन पूर्व 27 सितंबर 1959 को लिखमाराम चौधरी नागौर के प्रथम जिला प्रमुख बने थे। पंचायती राज की स्थापना के साथ ही चौधरी को देश के सबसे पहले जिला प्रमुख के रूप में पहचान मिली थी। इससे पहले चौधरी मूण्डवा पंचायत समिति के प्रधान बने। प्रधान रहते वे करीब 15-20 दिन बाद जिला प्रमुख बन गए और तीन बार निर्विरोध जिला प्रमुख बने। 7 अगस्त 1977 तक वे नागौर के जिला प्रमुख रहे।

ये बने थे देश में पहली बार पंचायत समिति प्रधान
पंचायती राज की स्थापना के बाद नागौर की 11 पंचायत समितियों में डीडवाना से चेनाराम, नागौर से हरिराम, मूण्डवा से गणेशराम, लाडनूं से हरजीराम, कुचामन से हनुमानसिंह, रियां बड़ी से रामलाल, डेगाना से रामरघुनाथ चौधरी, मेड़ता से भैराराम, परबतसर से अर्जुनराम और मकराना से बिरमाराम पहले पंचायत समिति प्रधान बने थे।

पंचायतीराज से ग्रामीण विकास के द्वार खुले
पंचायतीराज की स्थापना के बाद नागौर सहित देशभर में सामुदायिक विकास योजनाएं नवजीवन का एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आई। विकास से अछूत ग्रामीण जीवन में सर्वागीण विकास के क्षेत्र खुले और एक नई आशा का जन्म हुआ। लोगों की सुख-सुविधा के प्राप्त साधनों का लेखा-जोखा हुआ। उनके अभाव अभियोगों की जानकारी प्राप्त की गई। बापू की ग्राम स्वराज की परिकल्पना के साथ देश की आत्मा को प्रगति के पथ पर खड़ा करने का प्रयास किया गया।

साल 2009 में कांग्रेस की वर्तमान अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नागौर से ही पंचायतीराज को मजबूती देने की घोषणा की थी (फाइल फोटो)।

साल 2009 में पंचायतों को 5 विभागों के हस्तांतरण की घोषणा भी नागौर से ही हुई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल के दौरान साल 2009 में कांग्रेस की वर्तमान अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंचायतीराज को मजबूती देने के लिए नागौर से ही 5 महत्वपूर्ण विभागों को पंचायतीराज विभाग को हस्तांतरण करने की घोषणा की थी। इसके तहत पंचायतीराज संस्थाओं को अपने क्षेत्राधिकार में इन 5 विभागों में ट्रांसफर और पोस्टिंग तक की ताकत मिल गई थी। हांलाकि थोड़े समय के बाद ही आज इन शक्तियों को कम कर दिया गया है।

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