हिमाचल में लाॅकडाउन के पक्ष में नहींः जयराम

सोलन,  हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि यद्यपि राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है लेकिन राज्य सरकार लाॅकडाउन लागू करने के पक्ष में नहीं है क्योंकि इससे न केवल अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है बल्कि जनता को भी आर्थिक समेत अनेक मुश्किलों और तनाव का सामना करना पड़ता है।

ठाकुर ने सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में उद्योगपतियों, इनके प्रतिनिधियों और हितधारकों के साथ एक बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में उनके दौरों का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करना है। उन्होंने लोगों से इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार की मदद के लिए आगे आने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि देश ने कोरोना महामारी की पहली लहर की चुनौती का साहसपूर्ण सामना किया जिसका श्रेय देश मजबूत एवं सक्षम राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा समय पर लिए गए निर्णयों तथा लोगों से मिले सक्रिय सहयोग को जाता है। अब कोविड-19 महामारी के मामलों में दूसरी बार आया उछाल अधिक खतरनाक और चुनौतीपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि गत 23 फरवरी को राज्य में कोरोना के केवल 218 सक्रिय मामले रह गये थे जबकि आज यह संख्या 7700 को पार कर गई है। इस वायरस के कारण राज्य में गत 50 दिनों के दौरान लगभग 200 लोगों ने दम तोड़ दिया है। केवल बीस दिनों में ही सक्रिय मामलों का आंकड़ा 2000 को पार कर गया है जो एक गंभीर विषय है। यह वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है इसलिए प्रत्येक को अत्यधिक स्तर्क और सावधान रहने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार लोगों से फेस मास्क पहनने, हाथ धोने, उचित पारस्परिक दूरी बनाए रखने समेत अन्य सुरक्षा उपायों को नियमित रूप से अपनाने को लेकर जागरूक कर रही है। राज्य में जब वायरस के पहले मामले का पता चला था तब यहां केवल 50 वेंटिलेटर थे, लेकिन आज 600 से अधिक वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। राज्य के पास पर्याप्त संख्या में पीपीई किट्स, फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध हैं और भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं। यह समय की जरूरत है कि सभी हितधारक एक बार फिर इस महामारी से लड़ने के लिए उसी समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम करें।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल ने कहा कि अब तक राज्य के लोगों को 11.87 लाख से अधिक खुराक दी जा चुकी है। उनका कहना था कि यह भारतीय संस्कृति और परम्परा की विशिष्टता है कि लोग किसी भी संकट और महामारी से एकजुट होकर लड़ते है। इस महामारी ने सभी को सामूहिक रूप से लड़ने के लिए मजबूर किया है।

Related Articles

Back to top button