आसमान से बरसी आफत: हिमाचल में 75 मौतें, 288 घायल.. कई लापता, तस्वीरों में देखें कैसे गायब हो गए गांव के गांव!

हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। राज्य के मंडी और चंबा जिलों में बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी है। अब तक 75 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 288 लोग घायल हुए हैं। कई इलाकों में जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है और आज के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया गया है।
चंबा में बह गया कंघेला नाले पर बना पुल
हिमाचल के चंबा जिले में शनिवार को भारी बारिश के बीच कंघेला नाले पर बना एक महत्वपूर्ण पुल पानी में बह गया। इससे इलाके की सभी सड़कें प्रभावित हो गईं और स्थानीय लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राहत और बचाव दल मौके पर तैनात हैं, लेकिन लगातार बारिश राहत कार्य में बाधा बन रही है।
मंडी की चौहार घाटी में सबसे ज्यादा तबाही
मंडी जिले की चौहार घाटी इस मानसून की सबसे ज्यादा प्रभावित जगह बनकर सामने आई है। यहां एक मोटर पुल और तीन पैदल पुल पानी के तेज बहाव में बह गए। इससे घाटी के कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।
मंडी में ही अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 लोग अभी भी लापता हैं। प्रशासन की ओर से सर्च ऑपरेशन जारी है, लेकिन मौसम की मार के चलते कार्य धीमा है।
भूस्खलन और बाढ़ ने मचाई तबाही, 288 घायल
राज्यभर में भूस्खलन, बादल फटना और भारी बारिश से जुड़े हादसों में 288 लोग घायल हुए हैं। कई जगह मकान, दुकानें और वाहन भी मलबे में दब गए हैं। सड़कों पर मलबा और पेड़ों के गिरने से यातायात पूरी तरह बाधित है।
रेड अलर्ट जारी, लोगों से सतर्क रहने की अपील
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में आज के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। खासतौर पर मंडी, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और शिमला जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने, लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
पहाड़ों में जारी आफत, राहत कार्यों पर मौसम की मार
हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में मानसून तबाही बनकर बरस रहा है। मंडी और चंबा के हालात सबसे खराब हैं, जहां बादल फटना, पुल बहना और मौतें प्रशासन के लिए चुनौती बन चुकी हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनज़र लोगों को पूरी सावधानी बरतने की ज़रूरत है।