हाई कोर्ट: पत्नी का पति को ‘काला’ बोलना, तलाक का माध्यम भी बन सकता है

खंडपीठ का कहना है कि पति के अवैध सम्बन्ध रखने का झूठा आरोप पत्नी द्वारा लगाया गया। हाई कोर्ट ने हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 13(i)(a) के तहत दपंति के तलाक को मंज़ूरी दे दी।

पति पर लगे झूठे आरोप

दपंति का विवाह साल 2007 में हुआ था और पति ने साल 2012 में बंगलुरु के एक फॅमिली कोर्ट में तलाक की अर्ज़ी दी थी। हाई कोर्ट की जस्टिस आलोक अराधे और अनंत रामनाथ हेगड़े की खंडपीठ ने बताया की पत्नी ने अपने पति पर अवैध सम्बन्ध रखने का झूठा आरोप लगाया ताकि वह इसको कवर कर पाए। हाई कोर्ट ने दपंति के तलाक को हाँ कर दिया हिन्दू मैरिज एक्ट 13(i)(a) के तहत।

पति, सास और ससुर पर मामला दर्ज कराया

खबर के अनुसार पता चला की पत्नी अक्सर अपने पति के रंग का अपमान करती थी पर एक बेटी होने के कारण पति अपनी बेज़्ज़ती को बर्दाश्त करता था। पत्नी ने अपने पति, सास और ससुर के खिलाफ आईपीसी की धरा 498ए के तहत मामला दर्ज कराया की परिवार ने उनके साथ दुर्व्यहवार किया। दपंति अपने बेटी के साथ अपने माता-पिता के साथ रह रही थी।

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