पहले बादल फटा, फिर हेलीकॉप्टर क्रैश, उत्तराखंड में जारी है आफत का सितम

उत्तरकाशी में हालात बाढ़ और भारी बारिश की वजह से बिगड़ते जा रहे हैं। राहत कार्य में लगा वहां एक हेलीकाप्टर क्रैश हो गया है जिसमे हेलीकाप्टर के ड्राइवर समेत 3 की मौत हो गयी है। हेलीकाप्टर के क्रैश होने का कारण तारों में फंसना बताया जा रहा है। हैलिकॉप्टर में पायलट और को-पायलट के अलावा एक स्थानीय निवासी भी सवार था। क्रैश हुआ हैलिकॉप्टर हैरिटेज एविएशन का था जिसे राहत और बचाव कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।

उत्तरकाशी के ज़िलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि ये हैलिकॉप्टर मोल्डी गांव में सामान उतारकर और एक ग्रामीण को लेकर लौट रहा था। बताया जा रहा है कि नदी पार करने के लिए लगाई गई ट्रॉली के तारों में उलझकर यह हैलिकॉप्टर क्रैश हुआ। हादसे में पायलट कैप्टन लाल, को-पायलट शैलेष और स्थानीय निवासी राजपाल मारे गए हैं। अब रेस्क्यू हेलीकॉप्टर टिकोची में उतरेगा जहाँ से राहत दल मोलडी जाएगा। दरअसल उत्तरकाशी में रविवार सुबह बादल फटने के बाद गदेरे उफ़ान पर आ गए थे और उन्होंने भारी तबाही मचाई है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को आपदा प्रभावित आराकोट का दौरा करने के बाद 15 लोगों के मारे जाने कई के लापता होने की पुष्टि की थी। इस आपदा से 52 गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। अभी भी कई जगह राहत कार्य चल रहा है और राहत सामग्रियां बांटी जा रही हैं। चूँकि राहत कार्य के लिए आपदा-ग्रस्त जगहों पर जाने में परेशानी होती है, तो राहत पहुँचाने के लिए हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में 10 हैलिपैड बनाए गए हैं और सेना के साथ मिलकर चार हैलिकॉप्टरों की व्यवस्था की गई है। माकुली, डगोली,चीवा, बलावट, टिकोची, दुचानू, किराणु, बरनाली, जोटाड़ी, जाकटा और मौड्डा में राहत सामग्री वितरण के लिए 11 अस्थायी हैलिपैड बनाए गए हैं। इस समय उत्तरकाशी में 300 कर्मचारी राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।

नुकसान की भरपाई करेगी सरकार

आपको बता दें कि उत्तरकाशी में बादल फटने की वजह से 15 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अब भी लापता हैं। इस आपदा से घाटी में काफी जान-माल का नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार इलाके में अभी तक 130 करोड़ का नुकसान हो चुका है। जहाँ एक तरफ बारिश के बाद उफने गदेरों ने गांव के स्कूलों को बहा दिया, वहीँ कई परिवारों की सेब की फसल पानी के साथ बह गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को आपदा प्रभावित इलाक़ों का दौरा किया था और जल्द से जल्द रास्ते खोलने को कहा था। मुख्यमंत्री ने साथ ही आश्वासन भी दिया था कि आपदा के राहत कामों में पैसे की कमी होने नहीं दी जाएगी। उन्होंने वादा किया है कि नुकसान का आंकलन होने के बाद पूरे नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी को फ़सलों के नुक़सान का भी आकलन करने को कहा है।

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