मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में तेज बारिश, जिलों में बाढ़ से लोग परेशान

भोपाल : गुरुवार से मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ आ गई है। वहीं, दूसरी तरह प्रदेश के सभी प्रमुख बांधों के गेट खोल दिए जाने के कारण प्रदेश की सभी नादियां और नाले उपान पर हैं। सबसे ज्यादा खतरा होशंगाबाद जिले में है। यहां 47 साल बाद ऐसी बाढ़ आई है। होशंगाबाद में नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नर्मदा नदी शहर में खतरे के निशान से 19 फीट ऊपर बह रही है। इसके चलते शहर सहित कई गांवों में पानी भर गया है।

394 गांवों में बाढ़

प्रदेश के 9 जिलों के 394 से ज्यादा गांवों में भीषण बाढ़ आई है। बाढ़ में फंसे 7 हजार से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। बाढ़ राहत के लिए बड़ी संख्या में राहत शिविर बनाए गए हैं जहां पर रूकने, भोजन, दवाओं आदि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं।

प्रदेश के बांधों की स्थिति

भोपाल, होशंगाबाद तथा जबलपुर संभाग में निरंतर अतिवर्षा जारी है तथा अगले 48 घंटों में भी वर्षा की संभावना है। साथ ही सागर तथा उज्जैन संभाग भी वर्षा से प्रभावित हैं। ग्वालियर संभाग भी इससे प्रभावित होगा। प्रदेश के सभी बांध लगभग भर गए हैं। तवा डेम के 13 में 13 गेट खोले गए हैं, इंदिरा सागर बांध के 22 गेट, ओंकारेश्वर में 23 में से 21 गेट, राजघाट बांध पर 18 में से 14 गेट, बरगी बांध 21 में से 17 गेट खोले गए हैं। सरदार सरोवर बांध भी हाई लेवल से 7 मीटर नीचे है। मण्डला तथा पेंच बांध के भी गेट खोले गए हैं।

सेना की मदद

बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए सेना बुलाई गई है। होशंगाबाद और सीहोर के लिए सेना के जवान बुलाए जा चुके हैं। उन्होंने बचाव व राहत कार्य प्रारंभ करने थे, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से एक को झांसी उतारना पड़ा। ये दोनों हैलीकॉफ्टर रविवार की सुबह से ये बचाव कार्य शुरू करेंगे।

ओंकारेश्वर बांध में भी पानी का लेवल बढ़ा
शनिवार को ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट करीब 2 मीटर तक खोले गए और 10000 क्यूमेक्स से ज्यादा पानी छोड़ा जाता रहा। इससे बांध के बैक वाटर में 195.12 मीटर तक पानी भर गया। सभी 21 गेट से करीब 31 मीटर तक लगातार पानी निकाला गया।

भोपाल में भी भारी बारिश

राजधानी भोपाल में भी भारी बारिश का दौर जारी है। भोपाल में लगातार बारिश से भदभदा डैम के 11 गेट खोलने पड़े। वहीं, कलियासोत के सभी 13 गेट खोले जा चुके हैं। जबकि केरवा डैम के 8 गेट खुले हैं। वहीं, कोविड अस्पताल चिरायु में भी पानी भर गया है।

उफान पर नादियां

जबलपुर में ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, भेड़ाघाट में खतरे के निशान के करीब हैं। होशंगाबाद में नर्दा नदी अपने 967 मीटर से ऊपर 980 पर है। देवास के नेमावर, खरगौन के मंडलेश्वर, महेश्वर, खंडवा के आंकारेश्वर और बुरहानपुर में ताप्ती नदी उफान पर हैं।

टेनें भी रद्द

होशंगाबाद के मिडघाच पर पुलिया क्षतिग्र्सत हो गया है। जिस कारण राजधानी, तेलंगाना और विशाखापत्तनम ट्रेन को इटारसी पर रोका गया है। पुष्पक एक्सप्रेस को डायवर्ट रूट पर चलाया गया है। औबेदुल्लागंज इटायाकलां स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक डूब गया है।

इन जिलों में आज भी अलर्ट

छिंदवाड़ा, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर और आगर जिले में रेड अलर्ट जारी किया गया है। होशंगाबाद, भोपाल, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, दमोह, सागर, बुरहानपुर, खंडवा, बड़वानी, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, नीमच और मंदसौर में यलो अलर्ट जारी किया गया है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एसके नायक के अनुसार, कम दबाव क्षेत्र के दो दिनों मे ंकमजोर होने का अनुमान था। अरब सागर से आई नमी ने इसे और मजबूती दी जिस कारण लगातार बारिश हो रही है।

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