फाईबर की कमी से शरीर मे होने लगती है यह बीमारिया, जानने के लिए पूरा पढ़े

फाईबर की कमी पेट में ही नहीं अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी खड़ी कर सकती है। फाइबर एक तरह का कार्बोहाइड्रेट ही होता है जो पेट में आसानी से नहीं पचता है। 

फाईबर की कमी से शरीर मे होने लगती है यह बीमारिया, जानने के लिए पूरा पढ़े

फाईबर की कमी पेट में ही नहीं अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी खड़ी कर सकती है। फाइबर एक तरह का कार्बोहाइड्रेट ही होता है जो पेट में आसानी से नहीं पचता है।

शरीर को हेल्दी रखने के लिए हमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स के अलावा फाइबर की जरूरत भी होती है। फाईबर कोलस्ट्रॉल और ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह भोजन को पाचन प्रणाली से निकलने में मदद करने के साथ-साथ जरूरी मात्रा में मल निकाल कर शरीर को स्वस्थ्य बनाता है। फाइबर की कमी पेट ही नहीं अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी खड़ी कर सकती है। फाइबर एक तरह का कार्बोहाइड्रेट ही होता है जो पेट में आसानी से नहीं पचता है। ये कार्ब्स छोटे-छोटे कणों में टूट कर शुगर के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। शरीर में फाइबर की कमी होने पर शरीर में कई लक्षण दिखाई देते हैं।

अक्सर हम्हे सलाह दी जाती है कि फाईबर युक्त चीजों का सेवन करना चाहिए, लेकिन एक सवाल जरूर उठता है कि एक दिन में कितनी मात्रा में फाईबर का सेवन उचित है? रिसर्च मे पाया गया है कि अधिक फाईबर का सेवन करने वालों में हृदय संबंधी या अन्य बीमारियों से असमय जान गंवाने की आशंका 15-30 प्रतिशत कम होती है। फायबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कोरोनरी हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, टाइप 2 डायबिटीज और कोलोन कैंसर की आशंका को भी 16–24 प्रतिशत कम करता है। फाईबर युक्त खाद्य पदार्थों में साबुत अनाज, सब्जियां, फल, दालें जैसे मटर, बीन्स, छोले शामिल हैं। दालों में भी चने की दाल सबसे ज्यादा फायदेमंद है। 100 ग्राम चने की दाल में 10-11 ग्राम फाइबर होता है।

फाइबर कोलस्ट्रॉल और ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह भोजन को पाचन प्रणाली से निकलने में मदद करने के साथ-साथ जरूरी मात्रा में मल निकाल कर शरीर को स्वस्थ्य बनाता है। वहीं पर्याप्त मात्रा में फाइबर नहीं लेने से कब्ज की शिकायत हो जाती है। पर्याप्त मात्रा में मल नहीं निकलता है और पेट साफ नहीं होता। फाईबर की कमी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से वजन बढ़ता है। परिणामस्वरूप थकान और कमजोरी महसूस होती है।

 

 

 

 

Related Articles

Back to top button