क्या समोसा आपको पसंद है ? सावधान ! इस ग्राहक के समोसे में जो निकला.. वो देख फटी रह जाएंगी आँखे

हाथरस, 30 मई 2025 — उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्थित एक प्रसिद्ध मिठाई की दुकान पर दोपहर उस समय हड़कंप मच गया जब एक ग्राहक को समोसे में मरी हुई छिपकली मिली। जैसे ही यह खबर फैली, मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई और मामला स्वास्थ्य विभाग तक पहुंच गया। घटना के बाद दुकान की सफाई व्यवस्था और खाद्य गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

समोसे के अंदर निकली मरी हुई छिपकली, ग्राहक दंग

यह घटना हाथरस के अलीगढ़ रोड स्थित खंडेलवाल मिष्ठान भंडार की है। दोपहर करीब 2:30 बजे एक स्थानीय ग्राहक ने दुकान से समोसा खरीदा। जैसे ही उसने समोसे को तोड़ा, उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं — समोसे के अंदर मरी हुई छिपकली थी। ग्राहक ने तुरंत समोसा दुकानदार को दिखाया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। दुकान पर मौजूद अन्य लोग भी सहम गए और देखते ही देखते मामला गर्मा गया।

एफडीए की टीम ने की तत्काल जांच

घटना की सूचना मिलते ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की टीम मौके पर पहुंची। एफडीए अधिकारियों ने दुकान में मौजूद खाद्य सामग्री की जांच शुरू की और संदिग्ध समोसे के सैंपल भर लिए। जांच अधिकारियों ने बताया कि नमूनों को लैब भेजा जाएगा और रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ग्राहक की शिकायत से प्रशासन में हड़कंप

घटना के बाद ग्राहक ने स्थानीय प्रशासन से भी शिकायत की। इस प्रकार की लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग गंभीर हुआ है। ग्राहक का कहना है कि यदि यह छिपकली किसी बच्चे या बुजुर्ग के खाने में चली जाती, तो उसकी जान को खतरा हो सकता था।

दुकान की साख पर सवाल, सोशल मीडिया पर आलोचना

खंडेलवाल मिष्ठान भंडार हाथरस की जानी-मानी मिठाई दुकानों में गिनी जाती है। लेकिन इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर दुकान की आलोचना शुरू हो गई है। लोगों ने स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति लापरवाही पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कई यूजर्स ने कहा कि “ऐसे प्रतिष्ठान पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी और की जान खतरे में न पड़े।”

एफडीए रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई

एफडीए अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। यदि मरी हुई छिपकली की मौजूदगी की पुष्टि होती है, तो दुकान के लाइसेंस को निलंबित या रद्द भी किया जा सकता है। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जुर्माना और अन्य दंड भी संभव हैं।

 

Related Articles

Back to top button