मकोका सुना है? अब हरियाणा में आया हकोका!

हरियाणा में बढ़ रहे संगठित अपराध, नशा तश्कर व गैंगस्टर को नियंत्रण में लेने के लिए विधान सभा सदन में हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2019 को पारित कर दिया गया है। महाराष्ट्र के मकोका से प्रेरित इस विधेयक के पारित होने से गैंगस्टर्स, तस्करो और दूसरे संगठित आपराधिक गिरोहों के सदस्यों के खिलाफ प्रभावी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि राज्यपाल से अनुमोदन के बाद यह लागू हो जाएगा। दो या अधिक अपराधियों के क्राइम को इस श्रेणी में माना जाएगा। इस एक्ट के तहत विशेष न्यायालय बनाया जाएगा। गिरफ्तार बदमाश को जमानत नहीं मिलेगी। भगौड़ा होने पर उसकी संपत्ति कुर्क की जा सकेगी। हत्या जैसे मामले में फांसी से लेकर पांच लाख रुपए तक का जुर्माना किया जाएगा। मुक़दमे की सुनवाई और फैसलो में न्यायालय गवाहों के नाम व पता गोपनीय रखने के हक़दार होंगे। सदन में सीएम ने बताया कि सुपारी लेकर हत्याएं, व्यापारियों को धमकी देकर वसूली, प्रॉपर्टी पर कब्जे व नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे संगठित अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए यह कानून जरूरी है।

इस कानून के तहत पुलिस को संदिग्ध के फोन टेप करने का अधिकार दिया गया है। परन्तु यदि कोई पुलिस अधिकारी किसी गलत नियत से फोन टेपिंग करते पकड़ा जाता है तो उसे एक साल की सजा का प्रावधान होगा। किसी को गलत तरीके से इस कानून के तहत फंसाने पर पुलिस अधिकारी पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।

सदन में यह विधेयक मात्र 22 मिनट की चर्चा के बाद पास हो गया। सदन में इसके विरुद्ध केवल पलवल के विधायक करन दलाल ने दलील दी।

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