क्या है हार्पी ड्रोन? जिसनें उड़ा दी चीन की भी नींद.. टारगेट की पहचान, ट्रैकिंग और हमला, गेम ओवर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोषों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय वायुसेना की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसी दौरान भारतीय सेना ने इजराइल से हासिल हार्पी ड्रोन का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इस हमले से न सिर्फ पाकिस्तान हतप्रभ है, बल्कि उसके सबसे करीबी सहयोगी चीन की भी चिंता बढ़ गई है।

क्या है हार्पी ड्रोन? जानिए इस इजरायली हथियार की ताकत

हार्पी ड्रोन एक अत्याधुनिक स्वदेशी हमलावर ड्रोन नहीं, बल्कि इजराइल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (IAI) द्वारा विकसित एक स्वायत्त “लॉयटरिंग म्यूनिशन” है, जो सर्विलांस और मिसाइल दोनों की भूमिका निभाता है। इसे हवा में लगातार 9 घंटे तक उड़ाया जा सकता है और इसकी ऑपरेशनल रेंज लगभग 200 किलोमीटर तक होती है। यह ड्रोन शत्रु की वायु रक्षा प्रणालियों को ढूंढकर स्वतः उस पर हमला करता है, जिससे इसका मुकाबला करना बेहद कठिन हो जाता है।

कैसे करता है काम हार्पी ड्रोन

हार्पी ड्रोन पूरी तरह से ऑटोमैटिक सिस्टम पर आधारित है। यह अपने टारगेट की पहचान, ट्रैकिंग और अंततः हमला करने की क्षमता रखता है। इसमें 23 किलो तक विस्फोटक ले जाने की क्षमता है, जिसे एक सीलबंद कंटेनर से बड़े आराम से लॉन्च किया जा सकता है। भारत ने इस तकनीक का प्रयोग कर पाकिस्तान की एयर डिफेंस यूनिट को टारगेट किया और उसे पूरी तरह बर्बाद कर दिया।

तकनीकी रूप से कितना उन्नत है हार्पी ड्रोन

इस ड्रोन में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल, इंफ्रारेड और फॉरवर्ड लुकिंग इंफ्रारेड (FLIR) सेंसर लगे होते हैं। इसके अलावा कलर सीसीडी कैमरे और एंटी-रडार होमिंग सिस्टम की मदद से यह अपने टारगेट को बखूबी पहचानता है और उसे निशाना बनाता है। हार्पी ड्रोन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह रडार सिग्नल पकड़ते ही सीधे उसी स्रोत पर हमला करता है।

चीन क्यों हो गया परेशान?

भारत द्वारा हार्पी ड्रोन से पाकिस्तान की एयर डिफेंस यूनिट को तबाह करने की खबर के बाद चीन की भी चिंता बढ़ गई है। चीन जानता है कि यदि भारत इस तकनीक का प्रयोग पाकिस्तान के खिलाफ इस स्तर पर कर सकता है, तो जरूरत पड़ने पर वह लद्दाख या अरुणाचल में भी इसका इस्तेमाल कर सकता है। चीन की सेना पहले ही इस तकनीक को गंभीरता से लेने लगी है और अपनी वायु रक्षा प्रणालियों की समीक्षा कर रही है।

भारत की तकनीकी बढ़त ने बदली खेल की दिशा

भारत ने हार्पी ड्रोन के सफल उपयोग से यह स्पष्ट कर दिया है कि अब सिर्फ सीमा पर सैनिकों की संख्या नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजिकल बढ़त ही भविष्य के युद्धों का निर्णायक पहलू होगी। पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम का खात्मा भारत की रणनीतिक सफलता है और इससे यह भी संदेश गया है कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले को अनुत्तरित नहीं छोड़ेगा।

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