Gyanvapi Survey: GPR की मदद से बाहर आएगा जमीन के अंदर का सच

ASI को ज्ञानवापी पर सर्वेक्षण पूरा करने और दो सितंबर तक रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया गया है। ASMI ने चार अगस्त को जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर चार सप्ताह का समय मांगा था, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की रोक का हवाला देकर।

ज्ञानवापी परिसर में AI सर्वे शनिवार सुबह से शुरू हो गया है। AI टीम पर िसर। अब टीम जीपीआर की मदद से निरंतर सर्वे में जांच करेगी। तहखाना की सफाई के बाद वहां से आवश्यक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। यह भी बताया गया है कि AI टीम ने ज्ञानवापी पर सर का 3 डी मैप बनाया है।

साथ ही, शुक्रवार को आठवें दिन के सर्वे में विशेषज्ञों ने कई स्थानों पर पहुंचकर सुबह से शाम तक दो बार जांच की। सर्वे और शुक्रवार की नमाज को लेकर क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्थाएं की गईं। इस दौरान पुलिस ने लगातार गश् त की।

सुबह आठ बजे ज्ञानवापी पहुंची। लंबी चर्चा के बाद पहले से निर्धारित स्थान पर सर्वे शुरू किया गया। नियमित रूप से दोपहर 12 बजे नमाज के लिए सर्वे को रोका गया। नमाज के बाद दो बजे फिर सर्वे शुरू हुआ, जो शाम पांच बजे तक चला। नमाज के लिए अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक लोग आए थे। सुरक्षा के लिए तीन थानों में आएएफ और पीएसी की पुलिस भी थी।

नमाजियों और विश्वनाथ मंदिर के दर्शनार्थियों को सुरक्षाकर्मी अलग-अलग रास्ते से भेज रहे थे। भीड़ नहीं लगाई जा रही थी। नमाज पढ़कर वापस आने वालों को आगे बढ़ाया जाता था। ज्वांइट पुलिस कमिश्नर के डा. एजिलरसन ने सुरक्षा प्रबन्धों का निरीक्षण किया।

ज्ञानवापी मामले में लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी के लंबित वाद की सुनवाई टल गई क्योंकि ज्ञानवापी परिसर में कब्रों का जिक्र करते हुए उर्स और अन्य धार्मिक कार्य करने की मांग को लेकर अदालत रिक्त थी।

सुनवाई 25 अगस्त को होगी। वादी पक्ष ने इस मामले में पक्षकारों को जवाब देने का अवसर देने की मांग की है। लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री, आशीष तिवारी, आशीष कुमार शुक्ला, वाराणसी निवासी पवन कुमार पाठक और राम कुमार जायसवाल ने सिविल जज (सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक) कोर्ट में पक्षकार बनाने की अपील की थी। अदालत ने इसे स्वीकार किया।

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