ग्वालियर : चुनाव आते-जाते हैं, लेकिन कार्यकर्ता वटवृक्ष की तरह स्थिर रहता हैः सिंधिया

ग्वालियर। राजनीति और जिन्दगी चलती रहती है। चुनाव आते और जाते रहते हैं। लेकिन इस सब के बीच जो वटवृक्ष की तरह स्थायी रहता है, वह कार्यकर्ता ही है। आज जो भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय पटल पर स्थापित है और दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है, उसका श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह दिन रात मेहनत करने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं को जाता है। यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को अंबाह के पोरसा नगर, मेहगांव के गोरमी और गोहद के मौ मंडल सम्मेलनों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि भाजपा की नींव मेरी दादी राजमाता जी ने रखी थी। उन्होंने पार्टी के अस्तित्व को स्थापित करने के लिए बहुत संघर्ष किया। दूसरी पीढ़ी में मेरे पूज्य पिताजी की जनसेवा की शुरूआत भाजपा से हुई, और अब सिंधिया परिवार की तीसरी पीढ़ी भी आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर संकट का सामना करने के लिए तैयार है। अगर इस क्षेत्र की जनता और प्रत्येक कार्यकर्ता के दिल में स्थान पा सकूं तो मेरा जीवन धन्य होगा।

साफ दिख रहा है 15 महीने और पांच महीने वाली सरकार का फर्क

सिंधिया ने कहा कि 15 साल बाद जब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनी, तो जनता और हजारों कार्यकर्ताओं की उम्मीद थी कि जनप्रतिनिधियों के द्वारा बताए काम होंगे। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने सरकार में बैठकर विकास की लकीर तो नहीं खींची, भ्रष्टाचार की जरूर खींच दी। कमलनाथ ने वल्लभ भवन में बैठकर उसे तबादला उद्योग की राजधानी बना दिया था। अगर कोई व्यक्ति किसी काम को लेकर प्रजातंत्र के मंदिर वल्लभ भवन जाता था तो वहां बोली लगाई जाती थी। भाजपा कार्यकर्ताओं के उपर झूठे केस लगाकर प्रताड़ित किया जाता था। जब आपका चुना हुआ विधायक वल्लभ भवन जाकर विकास के कामों के लिए कमलनाथ से मिलता था, तो वे कहते थे खजाना खाली है, कुछ नहीं हो सकता। लेकिन जब से भाजपा की सरकार बनी है, तभी से विकास की ऐसी श्रृंखला शुरू हो गई है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। 15 महीने की कमलनाथ सरकार और पांच महीने की कमल की सरकार में फर्क साफ दिखाई दे रहा है।

बड़ा भाई-छोटा भाई ने मिलकर हाहाकार मचा दिया था

सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ के रूप में 15 साल बाद प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिला था, लेकिन कमलनाथ वल्लभ भवन के एसी कमरों में बैठकर सरकार चलाते रहे, कभी आपके बीच नहीं आए। कांग्रेस की सरकार ने मात्र 15 महीने में हाहाकार मचा दिया। प्रदेश में माफियाराज कायम कर दिया था। अवैध उत्खनन और तबादला उद्योग जोरों पर थे। बड़ा भाई और छोटा भाई मिलकर सरकार चलाते रहे और वल्लभ भवन में बोली लगती रही। उन्होंने कहा कि ऐसी भ्रष्टाचारी और विनाशकारी सरकार को धूल चटाना सिंधिया परिवार का दायित्व था।

यह उम्मीदवार का नहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया का चुनाव है

सिंधिया ने कहा कि आने वाला उपचुनाव साधारण चुनाव नहीं है। ये चुनाव प्रदेश को बचाने वाला चुनाव है और प्रदेश की जनता का भविष्य तय करेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि ये चुनाव किसी उम्मीदवार का चुनाव नहीं है, बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और भारतीय जनता पार्टी का चुनाव है। इसलिए प्रत्येक कार्यकर्ता अपने काम में कोई कसर न रखे और पूरी ताकत से जीत के लिए जुट जाए।

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