अहमदाबाद प्लेन क्रैश: 19 मृतकों का सरकार ने क्यों किया अंतिम संस्कार ? क्या थी वजह ? DNA टेस्ट के बावजूद..

भारत के विमानन इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में शुमार 12 जून को हुए AI-171 विमान हादसे के बाद मलबे से निकाले गए 19 और पीड़ितों के अवशेषों का गुजरात सरकार ने शुक्रवार को धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार कराया। यह कदम उन परिवारों के लिए सांत्वना का क्षण बना, जिन्होंने अपनों को खो दिया था और अंतिम दर्शन की भी उम्मीद छोड़ दी थी।
मलबे से मिले अवशेष, DNA जांच के बाद हुई पहचान
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि हादसे के 26 दिन बाद भी सिविल अस्पताल और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने 26 नए अवशेषों की पहचान की। इनमें से 19 अवशेषों को उनके परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए सरकार को सौंप दिया, जबकि 7 परिवारों ने खुद अपने तरीके से संस्कार करना चाहा। सभी अवशेषों की पहचान DNA टेस्ट के जरिए की गई, ताकि कोई भी गलती न हो।
धार्मिक परंपराओं के अनुसार किया गया अंतिम संस्कार
सरकार द्वारा करवाए गए अंतिम संस्कार में 18 हिंदू मृतकों का वडज श्मशान घाट पर दाह संस्कार किया गया। उनकी राख को साबरमती नदी के नारायण घाट पर विसर्जित किया गया। वहीं एक मुस्लिम मृतक का अंतिम संस्कार इस्लामी रीति-रिवाजों के साथ किया गया, जिसमें मौलवी द्वारा दुआ पढ़ी गई। यह कदम प्रशासन की धार्मिक विविधता और संवेदनशीलता को दर्शाता है।
पुलिस और अस्पताल प्रशासन की मौजूदगी
इस पूरे कार्यक्रम में डीसीपी (जोन-4) कनन देसाई, पुलिस इंस्पेक्टर प्रतिपालसिंह गोंहिल, और अन्य अधिकारियों के साथ-साथ सिविल अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट, फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख, मेडिकल अफसर और रेजिडेंट डॉक्टर भी मौजूद रहे। यह आयोजन सरकारी और मानवीय जिम्मेदारी के रूप में संपन्न हुआ।
हादसे में 260 लोगों की मौत, अब पूरी हुई पहचान
AI-171 विमान हादसे में कुल 260 लोगों की जान गई थी, जिनमें 241 यात्री विमान में और 19 लोग ज़मीन पर मारे गए थे। गुजरात सरकार और स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अब तक सभी शवों और अवशेषों की DNA पहचान पूरी हो चुकी है, जिससे सभी मृतकों को सम्मानजनक अंतिम विदाई दी जा सकी है।
परिवारों को मिला भावनात्मक संतोष
जो 19 परिवार अपने परिजनों के अंतिम अवशेषों को ग्रहण नहीं कर सके, उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि अंतिम संस्कार प्रशासन कराए। एक अधिकारी ने कहा, “हमारा दायित्व सिर्फ प्रशासनिक नहीं, मानवीय भी है। यह जिम्मेदारी पूरी संवेदनशीलता से निभाई गई।”
सबसे दर्दनाक विमान हादसों में एक
AI-171 विमान लंदन-गेटविक जा रहा था जब वह अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद तकनीकी खराबी के कारण बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पूरे देश को हिला देने वाला नुकसान हुआ, जिससे देशभर में शोक की लहर दौड़ गई।
सरकारी कदम से परिवारों को मिली शांति
गुजरात सरकार द्वारा इन 19 पीड़ितों का विधिपूर्वक अंतिम संस्कार कराना एक सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण का उदाहरण है। इससे उन परिवारों को कुछ हद तक शांति मिली जो अपने अपनों को खो चुके थे लेकिन उन्हें अंतिम विदाई देने की भी उम्मीद छोड़ चुके थे। यह कार्रवाई संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था और पीड़ित परिवारों के प्रति समर्पण का प्रतीक है।