ISI Agent कलीम की गली से ग्राउंड रिपोर्ट, मकानों पर लगे ताले

मस्जिद वाली गली और बर्फखाने वाली मुख्य गली दोनों शांत हैं। कई घरों में सिर्फ महिलाएं रहती हैं।

जिस गली से आईएसआई एजेंट कलीम गिरफ्तार किया गया है, वहां लोग घबरा गए हैं। 10 घरों पर ताले लगे हैं, और कई लोग कार्रवाई से बचने के लिए अपने घरों से भाग गए हैं। पिछले दिनों नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किए गए आरोपित के घर के गेट पर लिखा है कि “मकान बिकाऊ है”। गली पूरे दिन शांत रही।

बागपत के छपरौली से कुछ परिवार शामली आए।

2000 में बागपत जिले के छपरौली से कुछ परिवार शामली आए और नोकुआं रोड पर बर्फ खाने वाली एक गली में बस गए। इसके बाद परिवार बड़ा हुआ और कुछ लोगों ने कैराना और कांधला में घर बना लिए। बर्फखाने वाली गली में अधिकांश घर एक ही कुनबे और उनके परिवार के हैं। ज्यादातर लोग फलों और सब्जी की रेहड़ी लगाते हैं। इमरान का पिता, जो तीन अगस्त को नकली नोटों के मामले में गिरफ्तार किया गया था, 2003 के आसपास बर्फ खाने वाली गली निवासी महबूब को पुलिस ने संदिग्ध गतिविधियों के चलते गिरफ्तार किया था। जमानत पर आने के बाद, वह पाकिस्तान में इकबाल काना से संपर्क करने लगा।

बहुत बार पाकिस्तान गया है

कलीम ने कई बार रिश्तेदारों से मिलने के बहाने पाकिस्तान गया और इकबाल काना सहित अनेक लोगों के सहारे नकली नोट बनाना शुरू किया। उसने अपने लड़कों को भी इस काम में लगाया था। महबूब के बेटे इमरान को 2008 में नकली नोट मामले में कोतवाली पुलिस ने जेल भेजा था। उस समय इमरान भी एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया था। तब से ही हर राज्य की पुलिस लगातार बर्फखाने वाली गलियों में छापेमारी करती रहती है। पंजाब पुलिस ने भी पिछले दिनों आईएसआई के लिए काम करने वाले तहसीम पुत्र नफीस को गिरफ्तार किया था। बुधवार को एसटीएफ मेरठ ने भी तहसीम उर्फ मोटा को गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन उसे नहीं पकड़ सका।

एसटीएफ ने घरों को छापा मारा था

बुधवार को एसटीएफ ने लगभग दो दर्जन घरों की छतों पर छापे डाले। तहसीम से संपर्क रखने वाले लोगों को इसके बाद से पुलिस की कार्रवाई से घबराहट है। गुरुवार को आईएसआई के एजेंट कलीम की गिरफ्तारी के बाद, कई लोग बदनामी के डर से घरों से भाग गए। दोनों गली में लगभग दस से बारह घरों पर ताले लगे हैं।

कार्य करने से बचने का उपाय तो नहीं

नकली नोटों की तस्करी के आरोप में फरार चल रहे लोगों ने अपने घरों पर लिखा है कि वे “बिकाऊ हैं”। तहसीम के मकान के सामने खाली पड़े प्लाट पर भी लिखा हुआ है कि “बिकाऊ है”। माना जाता है कि यह सब पुलिस और सुरक्षा बलों से बचने के लिए है।

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