नवंबर में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ राजनीतिक नियुक्तियां भी, कामराज फार्मूला लागू होगा

दिवाली के आसपास मंत्रिमंडल फेरबदल:

राजस्थान में लंबे समय से अटके मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों पर अब कांग्रेस हाईकमान ने फोकस करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दिल्ली यात्रा में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ बदलावों के ब्लू प्रिंट पर पहले दौर की चर्चा हो चुकी है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक गहलोत का जल्द एक और दिल्ली दौरा होगा। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात होनी है। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद राजस्थान के बदलावों को हरी झंडी मिल जाएगी।

मंत्रिमंडल फेरबदल के साथ ही बड़ी राजनीतिक नियुक्तियां भी की जाएंगी। बोर्ड, आयोग और सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर नियुक्तियां होगी। गहलोत सरकार की तीसरी वर्षगांठ से पहले इन सब कामों को पूरा करने की तैयारी है। राजस्थान में मुख्यमंत्री को मिलाकर 30 मंत्री बन सकते हैं। अभी 21 पद भरे हैं, मंत्रिमंडल में 9 जगह खाली है। तीन से चार मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी देने से 12 से 13 जगह खाली हो जाएगी। इनमें पहले फेज में 10 नए चेहरों को मौका मिलने की गुंजाइश रहेगी। रणनीतिक तौर पर दो से तीन पद खाली रखे जा सकते हैं।

कामराज फार्मूले से एक व्यक्ति एक पद भी लागू हो जाएगा
मंत्रिमंडल फेरबदल में कामराज फार्मूले का असर देखने को मिलेगा। कुछ और मंत्रियों को संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को हाल ही गुजरात प्रभारी की जिम्मेदारी मिल चुकी है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पिछले साल अगस्त से प्रदेशाध्यक्ष के पद पर हैं। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को भी जल्द पंजाब का प्रभारी बनाए जाने की चर्चाएं हैं। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास को भी संगठन में पद दिया जा सकता है।

वरिष्ठ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाकर संगठन में पद देने के फार्मूला को कामराज फार्मूला के नाम से जाना जाता है। कामराज फार्मूला लागू करने से एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला भी लागू हो जाएगा। जिन मंत्रियों को संगठन में पद दिया जाएगा या दिया जा चुका है उन्हें हटाया जाना तय माना जा रहा है। रघु शर्मा के पास गुजरात जैसे चुनावी राज्य का प्रभार है। ऐसे में उन्हें मंत्री पद से हटाया जाना तय माना जा रहा है। हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी बनाया जाता है या संगठन में और कोई जिम्मेदारी दी जाती है तो उन्हें भी हटाया जाएगा। गोविंद सिंह डोटासरा भी इसी दायरे में हैं।

सचिन पायलट कैंप के शेयरिंग फार्मूले पर भी मंथन
मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों में सचिन पायलट कैंप को जगह देने के फार्मूले को भी अभी फाइनल किया जाना है। पायलट कैंप की मांग बराबरी की भागीदारी की है। इस मुद्दे पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के स्तर पर चर्चा हुई है। अगले मंत्रिमंडल ​फेरबदल और राजनीति नियुक्तियों में पायलट समर्थकों को भी जगह मिलना तय है। उसके शेयरिंग फार्मूला पर हाईकमान के स्तर पर आगे और चर्चा के आसार हैं।

अब गहलोत के अगले दिल्ली दौरे पर निगाह
मुख्यमंत्री की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ बैठक में राजस्थान के मुद्दों पर चर्चा हो चुकी है। मंत्रिमंडल फेरबदल के फार्मूला और पायलट कैंप की मांगों के बीच तालमेल भी उस चर्चा का एक मुद्दा था। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अगले दिल्ली दौरे पर सबकी निगाहे हैं।

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