“मेरा बेटा भी BJP नेता था”, डिप्टी-CM पर भड़की खेमका की मां.. विजय सिन्हा ने दिया ऐसा जवाब, पुलिस में हड़कंप!

बिहार की राजधानी पटना में हुए व्यापारी नेता गोपाल खेमका हत्याकांड ने अब राजनीतिक मोड़ ले लिया है। शनिवार को बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा खेमका के घर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। हालांकि इस दौरान खेमका की मां का गुस्सा फूट पड़ा। उनकी पीड़ा साफ झलक रही थी – एक मां का दुख, और एक नागरिक का सवाल।
“मेरा बेटा भी बीजेपी का नेता था” – मां का तीखा सवाल
गोपाल खेमका की मां ने बेहद भावुक होकर कहा –“मेरा बेटा भी भाजपा का नेता था। फिर क्यों उसकी सुरक्षा वापस ले ली गई? बिहार सरकार को मुझे इंसाफ देना होगा।”उनका यह बयान न केवल व्यक्तिगत पीड़ा को दर्शाता है, बल्कि भाजपा सरकार के रवैये पर सवाल भी खड़ा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार समय रहते सक्रिय होती, तो आज उनका बेटा जिंदा होता।
डिप्टी सीएम ने दी कड़ी कार्रवाई की बात, लेकिन मां संतुष्ट नहीं
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा –”सरकार पूरे मामले को संज्ञान में ले चुकी है। जो भी दोषी हैं, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। हम जाति या पार्टी देखकर कार्रवाई नहीं करते।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने खुद घटना का सीसीटीवी फुटेज देखा है और सरकार इस पूरे हत्याकांड को गंभीरता से ले रही है। लेकिन परिजनों, खासकर मां का आक्रोश इस बात को साफ करता है कि सिर्फ आश्वासन से अब बात नहीं बनेगी।
ड्राइवर का खुलासा – “सुरक्षा हटा ली गई थी”
खेमका के ड्राइवर मनीष कुमार श्रीवास्तव ने खुलासा किया कि गोपाल खेमका को पहले सुरक्षा दी गई थी, लेकिन बिना किसी स्पष्ट कारण के वह सुरक्षा वापस ले ली गई। “अगर सुरक्षा होती तो शायद हत्या टल जाती। आखिर क्यों सिक्योरिटी हटा ली गई, हमें नहीं बताया गया,” ड्राइवर ने कहा। यह सवाल अब बिहार सरकार के गले की फांस बन सकता है – क्या सरकार ने लापरवाही दिखाई?
राजनीतिक विरोध के सुर तेज
भाजपा के ही एक नेता की मां द्वारा सरकार पर सवाल उठाया जाना, पार्टी के भीतर भी असहजता पैदा कर सकता है। आम तौर पर जब किसी पार्टी का नेता मारा जाता है, तो सरकार अपनी छवि बचाने के लिए तुरंत एक्शन लेती है, लेकिन यहां परिजनों की नाराजगी बता रही है कि कार्रवाई में देरी या लापरवाही हुई है।