गोपाल खेमका मर्डर केस: बेऊर जेल में ताबड़तोड़ छापेमारी.. किस माफिया से कनेक्शन ? जानिए बड़ी खबर

पटना के हाईप्रोफाइल कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। अब इस वारदात के तार सीधे बेऊर जेल से जुड़ते नजर आ रहे हैं। पुलिस के शक की सुई जेल में बंद संगठित अपराधियों और पेशेवर शूटरों की ओर घूम रही है, जिसके बाद आईजी जितेंद्र राणा ने खुद बेऊर जेल में छापेमारी की।
क्या है जेल कनेक्शन?
- खेमका की हत्या की प्लानिंग जेल में बैठे बदमाशों ने की, ऐसा संदेह जताया जा रहा है।
- पुलिस को इनपुट मिले कि कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की सुपारी जेल के अंदर से दी गई थी।
- इसके बाद आईजी स्तर पर एक्शन लिया गया और भारी पुलिस फोर्स के साथ बेऊर जेल में रेड डाली गई।
बेऊर जेल में कैसे चली कार्रवाई?
- जेल की हर एक सेल की तलाशी ली गई।
- कुछ चिन्हित अपराधियों और शूटरों से पूछताछ की जा रही है।
- पुलिस को मोबाइल फोन, चिट्ठियां और कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है।
क्यों शक की सुई जेल की ओर मुड़ी?
- खेमका जैसे हाईप्रोफाइल टारगेट की हत्या के लिए सामान्य अपराधी नहीं, बल्कि प्रोफेशनल शूटर लगाए गए थे।
- पुलिस को घटना के तुरंत बाद मिले सुरागों से यह पता चला कि संपर्क सूत्र जेल से संचालित हो रहे थे।
- बीते कुछ मामलों में बेऊर जेल से मोबाइल के जरिए अपराधी निर्देश देते रहे हैं, जिससे यह एंगल और मजबूत हुआ।
घटना की मूल पृष्ठभूमि:
30 जून की शाम, कारोबारी गोपाल खेमका की पटना में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर बाइक पर सवार थे और सुनियोजित तरीके से हमला किया गया। खेमका पहले भी कई बार धमकियां मिलने की बात कह चुके थे, लेकिन इस बार हमला जानलेवा साबित हुआ।
अब आगे क्या?
पुलिस अब इस केस को जेल माफिया नेटवर्क से जोड़कर जांच कर रही है। जिन कैदियों से पूछताछ की जा रही है, उनका पिछला रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। सुपारी देने वाले और लेने वालों के बीच की कॉल डिटेल, बैंक ट्रांजैक्शन और मोबाइल लोकेशन को ट्रैक किया जा रहा है।