हिंद महासागर में अहम भूमिका पर बोले जनरल एस के सैनी, कहा- भारत की स्थिति सटीक

नई दिल्ली : सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एस के सैनी (Satinder Kumar Saini) ने शुक्रवार कहा कि हिंद महासागर (Indian Ocean) के भौगोलिक केंद्र में भारत की अहम स्थिति तथा उसकी मजबूत अर्थव्यवस्था एवं कानून एवं लोकतांत्रिक मूल्यों को अक्षुण्ण रखने वाले रूप में उसका वैश्विक कद इस क्षेत्र में शांति एवं स्थायित्व में अहम भूमिका के लिए उसकी स्थिति को मजबूत बनाता है। उन्होंने एक सैन्य विचार मंच पर अपने संबोधन में कहा कि भारत मानता है कि हिंद महासागर की विशाल संभावनाओं के दोहन के लिए कानून के शासन के पालन, पारदर्शिता, सभी देशों के प्रति सम्मान एवं विवादों के शांतिपूर्ण समाधान से रत्ती भर भी नहीं डिगा जा सकता है।

महासागर क्षेत्र को अस्थिर एवं संभावित वैश्विक रणक्षेत्र

उनकी टिप्पणी हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच बढ़ती वैश्विक चिंता के मद्देनजर आई है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो भारत के रणनीति हितों के लिए अहम है। उन्होंने चेताया कि क्षेत्र इतर शक्तियों के बढ़ते हित और समुद्री लूटपाट, मानव तस्करी जैसी वर्तमान चुनौतियों ने हिंद महासागर क्षेत्र को अस्थिर एवं संभावित वैश्विक रणक्षेत्र बना दिया है। भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध के बाद पिछले कुछ महीनों में हिंद महासागर क्षेत्र में अपने जंगी जहाजों एवं पनडुब्बियों की संख्या बढ़ा दी है जो बीजिंग के लिए एक तरह का संदेश है।

कोरोना महामारी पर बोलें जनरल एस के सैनी

बता दें कि हाल ही में सेना उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एस के सैनी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ वैश्विक संघर्ष के बीच कई देशों ने अपना सैन्य, आर्थिक एवं राजनीतिक वर्चस्व बढ़ाने के लिए ‘मौके’ को हथियाया। बांग्लादेश के नेशनल डिफेंस कॉलेज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल सैनी ने कहा, जब विभिन्न देश इस वायरस पर काबू पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तब कुछ देशों ने सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक रूप से अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए इस मौके को हथियाया जो विश्व बिरादरी के लिए शुभ नहीं है।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर टकराव

उनकी टिप्पणी को चीन के परोक्ष सदंर्भ में देखा जा रहा है जिसकी इस महामारी के बावजूद दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत महासागर में अपना सैन्य प्रभाव बढ़ाने की कोशिश को लेकर आलोचना हो रही है। पूर्वी लद्दाख में करीब सात महीने से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर टकराव चल रहा है। चीन के आक्रामक बर्ताव के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई। सेना के बयान के अनुसार सैनी ने कहा, ज्यादातर देशों की सामरिक सुरक्षा, सैन्य क्षमता एवं परियोजनाओं में धन की कटौती के चलते प्रभावित हुई है क्योंकि बहुत बड़ी रकम अत्यंत स्वास्थ्य जरूरतों पर लगायी गयी

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