पीएम मोदी का जी20 से वादा:भारत 2022 के आखिर तक 5 अरब कोविड वैक्सीन बनाएगा,

कोवैक्सिन के WHO अप्रूवल में मांगी सबकी मदद

ग्लोबल लीडर्स ने फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ फोटो खिंचाई, ग्लोबल इकोनॉमी और हेल्थ पर चर्चा कीगरीब देशों के लिए वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने पर राजी हुए वर्ल्ड लीडर, तापमान में 1.5 डिग्री की कमी लाने पर भी सहमति

पांच दिन के यूरोपीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे दिन शनिवार को जी20 समिट में भाग लिया। इटली की राजधानी रोम में हो रही समिट में PM मोदी ने जी20 देशों के लीडर्स से वादा किया कि भारत अगले साल के अंत तक कोविड-19 वैक्सीन की 5 अरब डोज बनाएगा। वैक्सीन की ये डोज केवल भारतीयों के लिए नहीं होंगी बल्कि इन्हें पूरी दुनिया को दिया जाएगा। इस दौरान वर्ल्ड लीडर्स ने गरीब देशों के लिए वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाए जाने पर रजामंदी जताई।

हालांकि PM मोदी ने जी20 देशों से भारतीय कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन के WHO से इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल दिलाने में मदद मांगी। इस वैक्सीन का निर्माण भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने किया है। मोदी ने कहा कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से अप्रूवल मिलने पर नई दिल्ली को 5 अरब वैक्सीन बनाने का टारगेट हासिल करने में आसानी होगी।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात कर जरूरी मुद्दों पर चर्चा करते मोदी।

150 देशों को मेडिकल सप्लाई देने की उपलब्धि बताई
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रोम में PM मोदी ने जी20 के ग्लोबल हेल्थ एंड ग्लोबल इकोनॉमी सेशन में भाग लिया। उनके साथ मौजूद विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जी20 देशों के लीडर्स को भारत की मेडिकल सप्लाई के बारे में बताया। PM ने बताया कि कोविड-10 महामारी की शुरुआत के बाद से भारत 150 देशों को मेडिकल सप्लाई दे चुका है। शृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री ने भारत में एक अरब लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज दिए जाने की अपनी सरकार की सफलता की भी जानकारी दी।

समिट की शुरुआत में हुए सेशन में पीएम मोदी और इटली के पीएम मारियो द्रागी ने एनर्जी के क्षेत्र में मिलकर काम करने पर सहमति जताई। G-20 के सभी नेताओं ने फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ फोटो खिंचाई। इसके बाद ग्लोबल इकोनॉमी और हेल्थ पर सेशन हुआ।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस और तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोगान से बात करते प्रधानमंत्री मोदी।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच लंबी बातचीत हुई।

इटली के पीएम द्रागी ने कहा कि हमें दुनिया के गरीब देशों तक टीके पहुंचाने की कोशिशों को दोगुना करना होगा। उन्होंने कहा कि अमीर देशों में 70% आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है, जबकि गरीब देशों में सिर्फ 3% आबादी का ही टीकाकरण हुआ है। यह अनैतिक है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से गर्मजोशी से मुलाकात करते पीएम मोदी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस गेब्रेयेसस का अभिवादन करते पीएम मोदी।

G-20 के मंच पर फोटो सेशन कराते प्रधानमंत्री मोदी, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, इटली के पीएम मारियो द्रागी और दूसरे वर्ल्ड लीडर्स।

ईरान न्यूक्लियर डील पर बात हुई
मीटिंग में ईरान न्यूक्लियर डील पर भी चर्चा हुई। G-20 देशों के नेताओं ने बैठक में तय किया कि ग्लोबल टेम्परेचर को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक कम करने की कोशिश की जाएगी। मीटिंग में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्राें, यूके के पीएम बोरिस जॉनसन के अलावा कई ग्लोबल लीडर मौजूद थे।

G-20 मीटिंग में शामिल होने आए सभी देशों के नेताओं ने कोरोना संक्रमण का मुकाबला करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ फोटो खिंचाई।
G-20 समिट इटली की राजधानी रोम के रोमा कन्वेंशन सेंटर में हो रही है।

पोप फ्रांसिस से मिले PM

इससे पहले मोदी ने वेटिकन सिटी पहुंचकर कैथोलिक क्रिश्चियन्स के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस और सेक्रेट्री ऑफ स्टेट कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से मुलाकात की। पोप फ्रांसिस से मोदी की यह पहली मुलाकात थी। हालांकि, यह मुलाकात प्रधानमंत्री के ऑफिशियल शेड्यूल का हिस्सा नहीं थी, क्योंकि विदेश मंत्रालय ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।

मैक्रों से अहम मुलाकात
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मोदी की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। दोनों के बीच पिछले महीने ‘ऑकस’ (AUKUS) के मसले पर भी बातचीत हुई थी। हालांकि, तब ये बातचीत फोन पर हुई थी। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच सबमरीन डील को लेकर काफी तनातनी हुई थी और इसका असर सीधे तौर पर कहीं न कहीं AUKUS पर होता नजर आ रहा था। हालांकि, फिलहाल जो बाइडेन और मैक्रों की बातचीत हो चुकी है और मामला ठंडा होता नजर आ रहा है।

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