भारत-चीन झड़प में बिना हथियार कि सेना पर राहुल गांधी ने पूछा कौन जिम्मेदार? विदेश मंत्री बोले 1966 और 2005 समझौता !

भारत चीन के बीच झड़प पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ चुके हैं। राहुल गांधी ने लद्दाख में चीनी सैनिकों के समक्ष भारतीय सैनिकों के निहत्थे होने पर मोदी सरकार से कई सवाल दाग दिए। ऐसे में अब देश के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने राहुल गांधी के सवालों का जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा पर भारतीय सैनिकों को निहत्था भेजे जाने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि जवान पोस्ट को छोड़ते ही हथियारों से लैस हो जाते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि 15 जून को भारतीय सेना का एक भी जवान निहत्था नहीं था।

राहुल गांधी को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के हर सैनिक के पास पर्याप्त हथियार थे, लेकिन एक समझौते के अनुसार गलवान घाटी में  हथियारों का इस्तेमाल नहीं होना था। राहुल गांधी के पोस्ट पर रीट्वीट करते हुए जयशंकर ने लिखा, ‘हमें तथ्यों को ठीक से समझ लेना चाहिए। बॉर्डर ड्यूटी पर लगे सभी सैनिक हमेशा हथियार के साथ होते हैं, खासकर पोस्ट से निकलते वक्त।’ उन्होंने कहा कि गतिरोध के वक्त हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने की लंबी परंपरा (1966 और 2005 समझौतों के तहत) रही है।

बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्विटर पर एक पोस्ट किया था। इस पोस्ट में राहुल ने दावा किया था कि भारतीय सैनिकों को निहत्था सीमा पर भेजा गया था। राहुल ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘हमारे सैनिकों को शहादत के लिए निहत्था क्यों भेजा गया? इस दौरान राहुल ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडिये मैसेज भी ट्वीट किया जिसमें वह यही सवाल पूछ रहे थे। इस वीडियो मैसेज में राहुल ने कहा, ‘भाइयों और बहनों, ‘चीन ने हिंदुस्तान के शस्त्रहीन सैनिकों की हत्या करके एक बहुत बड़ा अपराध किया है।’राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘मैं पूछना चाहता हूं, इन वीरों को बिना हथियार घाटी की ओर किसने भेजा और क्यों भेजा? कौन जिम्मेदार है? धन्यवाद!’

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