धान खरीद में धांधली से अन्नदाता परेशान, एसडीएम ने बिठाई जांच

1940 रुपए की सरकारी खरीद के एवज में 1600 रु में ही बेचने को विवश हैं धान

लखनऊ: गाज़ीपुर में किसानों को धान खरीद में आने वाली समस्याओं से जूझना पड़ रहा है एक सप्ताह से खरीद ठप हो गई है जिम्मेदार हैं कि ठीक से जवाब नहीं दे रहे हैं, निराश लौट रहे अन्नदाताओं का आरोप है कि विभागीय मिली भगत से बिचौलिए सस्ते रेट से किसानों से धान खरीद कर बढ़े सरकारी रेट से क्रय केंद्रों पर धान बेच दे रहे हैं, जिसमें क्रय केंद्र प्रभारी सहित विभागीय कर्मियों की मोटी कमाई हो रही है। इस प्रकरण में एसडीएम ज़मानियाँ ने जाँच बिठा दिया है।

धान की खरीद को लेकर किसान परेशान

पहली नवंबर से चल रही धान की खरीद के लिए शासन से गाज़ीपुर को 2 लाख 31 हजार 200 मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जो 136 केंद्रों से खरीदा जाएगा, लेकिन राजकीय धान क्रय केंद्र गायघाट, ज़मानियाँ पर एक सप्ताह से तौल का कांटा खराब होने, बायोमेट्रिक सही नहीं होने और बोरे के अभाव में धान की खरीदारी नहीं हो पा रही है। जिससे किसानों को निराश लौटना पड़ रहा है। उनके समक्ष संकट है कि धान बेचें तो कहां। धान लेकर क्रय केंद्र पर आने के बाद पता चल रहा है कि तौल का कांटा खराब है, जब किसान कांटे की व्यवस्था करते हैं तो बोरा उपलब्ध नहीं है का बहाना केंद्र प्रभारी राजेन्द्र, बना कर किसानों को लौटा रहे हैं।

केंद्र व्यवस्थापक राजेन्द्र ने कहा कि तौल का कांटा खराब

केंद्र पर मौजूद आक्रोशित किसानों ने जब आरोप लगाया तो केंद्र व्यवस्थापक राजेन्द्र ने कहा कि तौल का कांटा खराब है, जबकि एक किसान सुनील ने उनके मुंह पर आरोप लगाया कि मैं एक हफ्ते से ज्यादा समय से आ रहा हूँ लेकिन ये बहाना बना रहे हैं, कम्प्लेन करने पर भी कोई सुनता नहीं है। जबकि बाहरी लोगों का ये अंगूठा लगाकर उनसे खरीददारी करा लें रहे हैं। वहीं किसान राम प्रवेश, संजय तिवारी और पारस कुशवाहा आदि किसानों ने धान खरीद में धांधली का आरोप लगाया।

इस पूरे मामले को जब पत्रकारों ने स्थानीय ज़मानियाँ एसडीएम भारत भार्गव से बताया तो उन्होंने धन खरीद में इस तरह की धांधली से अनभिज्ञता जताई लेकिन वहीं उन्होंने डिप्टी रीजनल मार्केटिंग ऑफिसर को भेज कर पूरे मामले की जांच कराने की बात की।

 

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